रूस-यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल किए जाने की कितनी है संभावना?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की भयावहता बढ़ती जा रही है। रूसी सेना पूरे दम के साथ राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है और हमले कर रही है। इससे पहले रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश देते हुए सबको चौंका दिया था। इससे दुनिया में परमाणु हमले का डर नजर आने लगा है। आइए जानते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन के इस आदेश के क्या मायने हैं।
राष्ट्रपति पुतिन ने क्या किया था ऐलान?
गत रविवार को देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था, "मैंने रक्षा मंत्री और रूसी सेना के प्रमुख को आदेश दिया है कि वो रूसी सेना की प्रतिरोधी बलों को लड़ाई के लिए स्पेशल मोड में रखें।" उन्होंने बयान में जिन प्रतिरोधी बलों का जिक्र किया था वह परमाणु ताकत है। हालांकि, उनके इस आदेश का अभी तक वास्तविक मतलब सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इसके केवल कोरी धमकी करार दे रहे हैं।
क्या है पुतिन के परमाणु बलों को अलर्ट करने का कारण?
पुतिन ने कहा है कि उनका यह कदम पश्चिमी देशों के आक्रामक बयानों पर प्रतिक्रिया है। बता दें कि ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस सहित पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने यूक्रेन को लेकर आक्रामक बयान दिए थे। इसमें रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाने सहित यूक्रेन की मदद को लेकर बयान शामिल थे। अब पश्चिमी अधिकारियों का भी मानना है कि पुतिन ने केवल दुनिया को अपनी परमाणु क्षमता दिखाने के लिए यह बयान दिया है।
अमेरिका और NATO ने बयान को बताया गैरजिम्मेदाराना
राष्ट्रपति पुतिन के इस बयान को अमेरिका और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) ने भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना करार दिया है। नाटो महासचिव जनरल येंस स्टॉल्टेनबर्ग ने बयान को खतरनाक किस्म का भाषण करार दिया है। हालांकि, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स में न्यूक्लियर इंफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर हैंस क्रिस्टनसन ने कहा है कि अभी तक यह साफ नहीं है कि पुतिन के इस बयान में किस स्तर की चेतावनी छिपी हुई है।
इन बातों की भी जताई जा रही है आशंका
ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने न्यूक्लियर कमांड और कंट्रोल सिस्टम को परमाणु हथियार हमले के आदेश के पालन के लिए अधिक तैयार रहने और मिसाइल दागने वाली पनडुब्बियों की गतिविधियों को तेज करने के लिए यह बयान दिया है।
पुतिन के बयान का विशेषज्ञ क्या लगा रहे हैं अनुमान?
विशेषज्ञों की माने तो पुतिन दुनिया को रूस की परमाणु ताकत का अहसास करा रहे हैं। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे माहौल में पुतिन परमाणु हथियारों की बात कर शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चेतावनी पुतिन की ब्रिंकमैनशिप का हिस्सा है। इसके तहत टकराव को इतना बढ़ाया जाता है कि दोनों पक्ष समाधान खोजने पर मजबूर हो जाते हैं या फिर एक पक्ष समर्पण कर देता है।
चार स्थितियों में ही परमाणु हमला कर सकता है रूस
राष्ट्रपति पुतिन के परमाणु बलों को अलर्ट पर करने का मतलब है कि वह परमाणु युद्ध घोषित करने से सिर्फ एक कदम दूर है। हालांकि, साल 2020 में पुतिन ने चार स्थितियों में ही परमाणु हमला करने की मंजूरी दी थी। इनमें पहली रूस या उसके सहयोगी के क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइल से हमला, दूसरी शत्रु द्वारा परमाणु हथियारों का इस्तेमाल, तीसरी रूस के परमाणु ठिकानों पर हमला और चौथी रूस के अस्तित्व के लिए खतरा बनने वाले हमला है।
वर्तमान में नहीं बन रही है चारों ही स्थितियां
क्रिस्टनसन की माने तो यूक्रेन युद्ध फिलहाल इन चारों स्थितियों से ही दूर है। यदि पुतिन वाकई परमाणु हमले की योजना बनाते हैं तो सारी मोबाइल मिसाइलें जमीन पर तैनात हो जाएंगी और सारी पनडुब्बियों को समंदर में भेज दिया जाएगा। इसी तरह न्यूक्लियर नॉन स्ट्रैटजिक फोर्सेस सक्रिय हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के पास परमाणु हथियार नहीं हैं और वह नाटो का हिस्सा भी नहीं है। ऐसे में बहुत कम संभावना है कि रूस परमाणु हमला करेगा।
अनुमानों के बीच भी बना हुआ है खतरा
भले ही विशेषज्ञों के अनुसार पुतिन केवल धमकी दे रहे हैं, लेकिन एक खतरा हमेशा बना रहेगा कि उनके संदेश का आकलन गलत साबित न हो जाए। वर्तमान में पुतिन बिल्कुल अलग-थलग हैं और उनकी योजना की किसी को जानकारी नहीं है।
तमाम संभावनाओं के बीच है सतर्क रहने की जरूरत
जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लामब्रेष्ट को लगता है कि पुतिन की धमकी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पुतिन कभी भी चौंका सकते हैं और बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। इसी तरह जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख मार्क फिनौड ने कहा कि अमेरिका ने इस चेतावनी पर सामान्य प्रतिक्रिया दी है। सुरक्षा विशेषज्ञों की नजर में यह बहुत अच्छा संकेत है। हालांकि, फिर भी पुतिन के हर कदम पर नजर रखने की जरूरत है।
रूस के परमाणु हथियारों की गतिविधि में नहीं दिखा कोई बदलाव
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस का कहना है कि रूस के परमाणु हथियारों की गतिविधि में अभी कोई बदलाव नहीं दिखा है और खूफिया तंत्र पैनी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के दौरान रूस के परमाणु हथियारों पर नजर रखने के लिए पश्चिम में एक विशाल ख़ुफ़िया तंत्र बनाया गया था। गतिविधि में बदलाव के किसी भी संकेत को पकड़ने के लिए सैटेलाइट, इंटरसेप्ट की गई बातचीत और अन्य स्रोतों का विश्लेषण किया जाता है।