चुनाव आयोग की मोदी को दूसरी क्लीन चिट, अपने अधिकारियों के फैसले को ही पलटा
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर वोट मांगने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है।
यह चुनाव आयोग से मोदी को मिली दूसरी क्लीन चिट है।
इससे पहले बुधवार को आयोग ने महाराष्ट्र के वर्धा में दिए गए भाषण के लिए भी मोदी को क्लीन चिट दे दी थी।
हालांकि, पहले मामले के विपरीत इस मामले में आयोग ने अपने अधिकारियों के फैसले को पलटते हुए मोदी को क्लीन चिट दी है।
विवादित भाषण
इस अपील पर उठे थे सवाल
9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं से पुलवामा शहीदों और बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट डालने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था, "क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? क्या पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उन वीर शहीदों के नाम आपको वोट समर्पित हो सकता है?"
उल्लंघन
मोदी ने किया था आयोग के इस आदेश का उल्लंघन
मोदी के बयान से पहले 19 मार्च को चुनाव आयोग ने आदेश जारी करते हुए सभी पार्टियों से पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर वोट न मांगने को कहा था।
मोदी ने अपने भाषण में आयोग के इस आदेश का उल्लंघन किया था।
वहीं, कांग्रेस ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी, जिस पर अब आयोग ने मोदी को क्लीन चिट दे दी है।
फैसला पलटा
महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारियों ने बयान को बताया था गलत
गौर करने वाली बात ये है कि चुनाव आयोग ने यह क्लीन चिट अपने ही अधिकारियों के फैसले को पलटते हुए दी है।
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और उस्मानाबाद के जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) ने मोदी की अपील को चुनाव आयोग के सेना का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल न करने के आदेश का उल्लंघन माना था।
मंगलवार को हुए बैठक में CEO और DEO के फैसले पर जमकर बहस हुई और अंत में इसे पलट दिया गया।
फैसले का आधार
आयोग का विचार, मोदी ने अपने लिए नहीं मांगे वोट
चुनाव आयोग ने इस तकनीकी आधार पर मोदी को क्लीन चिट दी है कि उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए अपने लिए या अपनी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगे।
एक चुनाव अधिकारी ने अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए बताया कि CEO और DEO का फैसला "भाषण की केवल 5 पंक्तियों" पर आधारित था, जबकि आयोग ने पूरे भाषण को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया है।
जानकारी
अब तक कांग्रेस की 5 में से 2 शिकायत खारिज
इस फैसले के साथ चुनाव आयोग ने मोदी के खिलाफ की गई कांग्रेस की 5 शिकायत में से 2 का निपटारा कर दिया है। कल आयोग ने वर्धा में दिए गए बयान के लिए भी उन्हें क्लीन चिट दी थी।
वर्धा मामला
यह था वर्धा वाला मामला
1 अप्रैल को वर्धा की रैली में मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था, "अब कांग्रेस भी समझ रही है कि देश ने उसे सज़ा देने का मन बना लिया है। उनके नेता अब मैदान छोड़ कर भागने लगे हैं। 'आतंकवादी हिंदू' की सजा उनको मिल चुकी है। इसलिए भाग कर जहां देश का बहुसंख्यक अल्पसंख्यक में है, वहां शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।"
अन्य शिकायतें
इन मामलों में भी शिकायत दर्ज
मोदी ने 6 अप्रैल को महाराष्ट्र के नांदेड़ में भी उन्होंने वर्धा वाले बयान को दोहराया था और इसे लेकर भी शिकायत की गई है।
वहीं चौथी शिकायत 21 अप्रैल को राजस्थान के बाड़मेर में परमाणु हथियारों पर दिए गए उनके बयान के लिए की गई है।
इसमें पाकिस्तान को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान कहता था कि हमारे पास न्यूक्लियर बटन है, तो हमारे पास क्या है? ये दिवाली के लिए रखे हैं क्या?"
पांचवी शिकायत
'कत्ल की रात' वाले भाषण के लिए भी हुई है शिकायत
21 अप्रैल को ही मोदी ने गुजरात के पाटन में 'कत्ल की रात' वाला बयान दिया था, जिसके खिलाफ भी शिकायत की गई है।
इसमें उन्होंने कहा था, "ख़बरदार पाकिस्तान, हमारे पायलट को एक खरोंच नहीं पड़ना चाहिए। अमरीका के प्रवक्ता ने तब कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत कोई बड़ी कार्रवाई करेगा। मोदी एक साथ 12 मिसाइलों से हमले कर देगा। अच्छा हुआ कि उन्होंने वापस कर दिया वरना वो कत्ल की रात होती।"