यूक्रेन युद्ध: सैन्य क्षमताओं के मामले में रूस और यूक्रेन में से कौन है अधिक मजबूत?
क्या है खबर?
पिछले कई दिनों से आपसी तनाव से जूझ रहे रूस और यूक्रेन के बीच गुरुवार को आखिरकार जंग शुरू हो गई है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूसी सेना ने गुरुवार सुबह यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइल से हमला बोल दिया। इसके बाद यूक्रेन ने भी जवाबी हमले शुरू कर दिए। इससे वहां के हालात बिगड़ गए हैं।
युद्ध के बीच जानते हैं कि सैन्य क्षमताओं के मामले रूस और यूक्रेन की क्या स्थिति है।
नाम
रूस ने हमले को दिया है सैन्य अभियान का नाम
राष्ट्रपति पुतिन ने सुबह यूक्रेन का विसैन्यीकरण और नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का ऐलान किया था।
इसके बाद रूसी सेना के विमान बेलारूस और क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन की सीमा में घुसे गए और कई शहरों में मिसाइल से हमला कर दिया।
इसमें अब तक 40 यूक्रेनी सैनिक और 10 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हो गए। यूक्रेन ने भी 50 रूसी सैनिकों को मारने का दावा किया है।
सैन्य खर्च
सैन्य खर्च के मामले में यूक्रेन से कहीं आगे है रूस
वैश्विक हथियारों के व्यापार पर नजर रखने वाले स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, रूस का सैन्य खर्च यूक्रेन की तुलना में 10 गुना अधिक है। रूस ने साल 2020 में सेना पर कुल 61.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे, जबकि यूक्रेन ने महज 5.9 बिलियन डॉलर खर्च किए थे।
हाल ही में पश्चिमी यूरोपीय देशों ने भी यूक्रेन को सैन्य उपकरणों की मदद की थी, लेकिन उसके बाद भी वह रूस से कमजोर है।
जानकारी
सैन्य रूप से दुनिया का दूसरा ताकतवर देश है रूस
साल 2006 से दुनिया के देशों की सैन्य क्षमताओं का विश्लेषण करने वाले ग्लोबल फायर पावर के अनुसार, रूस सैन्य क्षमताओं में यूक्रेन से काफी आगे है। रूस सैन्य रूप से 140 देशों में दूसरा शक्तिशाली देश है, जबकि यूक्रेन 22वें स्थान पर है।
सैनिक
यूक्रेन की तुलना में रूस के पास है ढाई गुना अधिक सैनिक
रूस सक्रिय सैनिकों के मामले में यूक्रेन से काफी आगे हैं। उसके बाद यूक्रेन की तुलना में ढाई गुना अधिक सैनिक हैं। वर्तमान में रूस की सेना में कुल 8.5 लाख सक्रिय सैनिक है, जबकि यूक्रेन की सेना में महज 2.5 लाख ही सैनिक है।
इसी तरह हवाई सैन्य शक्ति के मामले में रूस के पास 772 लड़ाकू विमानों के साथ कुल 4,100 विमान है, जबकि यूक्रेन के पास 69 लड़ाकू विमानों के साथ कुल 318 ही विमान है।
टैंक
युद्धक टैंक और मिसाइल के मामले में भी यूक्रेन से काफी आगे है रूस
जमीनी सैन्य ताकत की तुलना की जाए तो इसमें भी रूस काफी आगे खड़ा नजर आता है। रूस के पास लगभग 12,500 युद्धक टैंक और 30,000 से अधिक हथियारयुक्त वाहन हैं, जबकि यूक्रेन के पास केवल 2,600 युद्धक टैंक और 12,000 ही हथियारयुक्त वाहन वाहन मौजूद हैं।
इसी तरह रूस के पास करीब 14,000 टॉव्ड और सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन हैं, जबकि यूक्रेन के पास इसकी संख्या महज 3,000 के आसपास है।
जानकारी
मिसाइल तकनीक के मामले में सबसे मजबूत है रूस
बता दें मिसाइल तकनीक के मामले में रूस दुनिया का सबसे अग्रणी देश है। उसने पिछले काफी समय से यूक्रेन की सीमा पर मिसाइल और रॉकेट तैनात कर दिए थे। ऐसे में वह मिसाइलों से यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणालियों को ध्वस्त कर सकता है।
नौसेना
नौसेना जहाजों के मामले में रूस से काफी कमजोर है यूक्रेन
भले ही रूस और यूक्रेन के बीच इस युद्ध में नौसेनाओं का सीधा संपर्क होने की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी इस मामले में यूक्रेन काफी कमजोर नजर आता है।
यूक्रेन के पास जहां कुल 38 नौसैनिक जहाज हैं, वहीं रूस के पास इनकी संख्या 600 से अधिक है।
इसी तरह पनडुब्बियों की बात करें तो रूस के पास इनकी संख्या 70 है, जबकि यूक्रेन के पास एक भी पनडुब्बी नहीं है। ऐसे में रूस काफी मजबूत दिखता है।
मदद
पश्चिमी देशों ने की है यूक्रेन की खासी मदद
बता दें कि इस पूरे मामले में अमेरिका सहित सभी पश्चिमी और यूरोपीय देश यूक्रेन के समर्थन में हैं और उन्होंने सैन्य उपकरणों की मदद की मुहैया कराई है।
अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को सैकड़ों मैन-पोर्टेबल फायर-एंड-फॉरगेट एंटी टैंक मिसाइलें उपलब्ध कराई है। इससे उसे रूसी टैंकों को निशाना बनाने में मदद मिलेगी।
इसी तरह यूक्रेन को सतह से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइल, गोला बारूद, राइफल और मशीनगन भी उपलब्ध कराई हैं।
जानकारी
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी थी सहायता की जानकारी
बता दें कि 11 फरवरी को यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने ट्वीट कर अमेरिका द्वारा 90 टन गोला-बारूद की सहायता देने की जानकारी दी थी। उस दौरान बताया गया था कि अमेरिका ने यूक्रेन को कुल 1,300 गोला-बारूद की सहायता दी है।
पृष्ठभूमि
यूक्रेन को लेकर क्यों हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर युद्ध के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।