
पाकिस्तान: आम चुनाव का मतदान जारी, जानिए कौन-कौन रेस में
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनाव का मतदान शुरू हो गया है और शाम 5 बजे तक मतदान होगा।
इन चुनावों के नतीजे आज रात या कल सुबह तक जारी कर दिए जाएंगे।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जेल में होने के कारण मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) और और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बीच माना जा रहा है।
चुनाव
कितने उम्मीदवार मैदान में और युवाओं का कितना प्रभाव?
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावी मैदान में 17,816 उम्मीदवार उतरे हैं, जिनमें से 12,695 प्रांतीय विधानसभा सीटों के लिए और 5,121 नेशनल असेंबली के लिए चुनाव लड़ेंगे।
इस बार चुनावों में पाकिस्तानी युवाओं की भूमिका अहम मानी जा रही है।
दरअसल, पाकिस्तान में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 12.8 करोड़ है, जिसमें से 5.6 करोड़ मतदाताओं की उम्र 35 से कम है और 2.9 करोड़ मतदाता 36-45 साल के हैं।
मुकाबला
कितनी पार्टियां मैदान में और कौन है आगे?
पाकिस्तान चुनाव में इस बार कुल 44 पार्टियां मैदान में हैं।
इनमें से 3 पार्टियों, नवाज की PML-N, इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और भुट्टो की PPP, में मुख्य मुकाबला है।
इसके अलावा अलफिंदर अली खान की अवामी नेशनल पार्टी (ANP), मुत्तिहाद कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P), जमात-ए-इस्लामी (JI), जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम (JUI-F), पखतूनख्वा मिली अवामी पार्टी (PkMAP), बलोचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और अवामी वर्कर्स पार्टी (AWP) भी मैदान में है।
उम्मीदवार
प्रधानमंत्री पद की रेस में कौन-कौन से उम्मीदवार?
3 बार के प्रधानमंत्री 74 वर्षीय नवाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी के अलावा इमरान खान, नवाज की बेटी मरियम शरीफ और नवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ भी प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल हैं।
मरियम को लेकर कई बार नवाज ने संकेत दिए हैं कि वह उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं।
दूसरी तरफ शाहबाज नवाज की तुलना में पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के अधिक करीब हैं।
जीत
कौन बन सकता है अगला प्रधानमंत्री?
रिपोर्ट्स के अनुसार, नवाज का पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है क्योंकि एक बार फिर से उन्हें सेना का समर्थन प्राप्त है।
नवाज के बाद 35 वर्षीय भुट्टो जरदारी इस रेस में आगे हैं। चुनाव अभियानों में भुट्टो की पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। देश के युवाओं के बीच वह काफी लोकप्रिय भी हैं।
कई मामलों में सजा पा चुके इमरान खान उम्मीदवारी की रेस में सबसे पीछे माने जा रहे हैं।
मायने
भारत के लिए चुनावों के क्या मायने?
पाकिस्तान के हर चुनाव में भारत के साथ संबंध अहम मुद्दों में से एक रहा है। नवाज ने इस बार भारत के साथ राजनयिक संबंधों की वकालत की है। खान के सुर भी इस बार बदले-बदले रहे, वहीं भारत पर बिलावल भुट्टो का रुख बहुआयामी रहा है।
हालांकि, भारत में इस साल मई तक लोकसभा चुनाव होंगे। यदि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार फिर बनी तो पाकिस्तान की नई सरकार के लिए कई मुद्दे जटिल साबित हो सकते हैं।