पाकिस्तान: इमरान खान की सरकार गिराने में इन चार नेताओं ने निभाई सूत्रधार की भूमिका
क्या है खबर?
देर रात तक चले सियासी ड्रामे के बाद पाकिस्तान में शनिवार को आखिरकार इमरान खान की सरकार गिर गई। आधी रात को हुई अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में 174 सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ वोट डाला जो बहुमत के आंकड़े 172 से दो अधिक है।
विपक्ष के चार नेताओं ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने और इमरान की सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई। आइए इन चारों नेताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
#1
शहबाज शरीफ
शहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
70 वर्षीय शहबाज खुद में एक कद्दावर नेता हैं और उनके नाम सबसे अधिक बार और सबसे अधिक समय तक पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है।
शहबाज की छवि एक अच्छे प्रशासक की है और शादियों और भ्रष्टाचार को लेकर विवाद के बावजूद वो काफी लोकप्रिय हैं।
उनका अगला प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है।
#2
आसिफ अली जरदारी
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी एक अमीर सिंधी परिवार से संबंध रखते हैं और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो के पति हैं।
2007 में भुट्टो की हत्या के बाद जरदारी ने पार्टी की जिम्मेदारी संभाली और फिर एक साल बाद देश के राष्ट्रपति बने।
उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं और कहा जाता है कि वो हर सरकारी कॉन्ट्रेक्ट में 10 प्रतिशत कट लेते थे।
#3
बिलावल भुट्टो जरदारी
बेनजीर भुट्टो और आसिफ जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी PPP के चेयरमैन हैं और पाकिस्तान की राजनीति के सबसे चर्चित युवा चेहरे हैं। अपनी मां की हत्या के बाद वह मात्र 19 साल की उम्र में PPP के अध्यक्ष बन गए थे।
उन्हें उनकी मां की तरह प्रोगेसिव माना जाता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले बिलावल कई बार महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर बोल चुके हैं।
उन्हें कभी-कभी खराब उर्दू के लिए ट्रोल किया जाता है।
#4
मौलाना फजल-उर-रहमान
मौलाना फजल-उर-रहमान इमरान की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले चौथे नेता हैं।
इस्लामिक कट्टरपंथी के तौर पर अपनी राजनीति की शुरूआत करने वाले रहमान ने धीरे-धीरे अपनी छवि को बदला और वे धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से भी गठबंधन कर चुके हैं।
उनकी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) खुद के दम पर सरकार तो नहीं बना पाती, लेकिन अक्सर किंगमेकर की भूमिका में रहती है।
रहमान की इमरान से पुरानी दुश्मनी भी है और दोनों एक-दूसरे पर हमला करते रहते है।