राष्ट्रपति जो बाइडन की त्वचा से हटाई गईं कैंसर कोशिकाएं- व्हाइट हाउस
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के सीने की त्वचा पर हुए घाव से कैंसर की कोशिकाओं को हाल ही में सफलतापूर्वक हटाया गया है। व्हाइट हाउस के चिकित्सक डॉ केविन ओ कॉनर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच के दौरान पुष्टि हुई थी कि छोटा घाव वास्तव में बेसल सेल कार्सिनोमा था। कॉनर ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन को फिलहाल आगे किसी भी अन्य उपचार की जरूरत नहीं है।
डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
डॉ कॉनर ने व्हाइट हाउस द्वारा सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रपति बाइडन की एक नियमित मेडिकल जांच के दौरान बेसल सेल कार्सिनोमा के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि यह सेल फैलने वाले नहीं होते हैं, लेकिन बेसल सेल के पास आकार में वृद्धि करने की क्षमता होती है और इसीलिए इसे हटा दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति बाइडन की त्वचा की निगरानी जारी रखी जाएगी।
क्या होता है बेसल सेल कार्सिनोमा?
बेसल सेल कार्सिनोमा एक धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है जो आमतौर पर त्वचा की सतह तक ही सीमित होता है। डॉक्टर इसे त्वचा से अलग हटा सकते हैं। उपचार नहीं किए जाने पर यह गंभीर जटिलताओं और मौत का कारण बन सकता है।
पहले भी हो चुकी है बाइडन की सर्जरी
बता दें कि 80 वर्षीय बाइडन अमेरिका के सबसे अधिक उम्रदराज राष्ट्रपति हैं। बाइडन ने 16 फरवरी को वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर में राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार अपनी स्वास्थ्य जांच करवाई थी। चर्चा है कि बाइडन दूसरे कार्यकाल के लिए अगले साल होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति बनने से पहले भी बाइडन की कई बार स्किन कैंसर की सर्जरी हो चुकी है।
स्वास्थ्य को लेकर होती रही है बाइडन की आलोचना
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की आलोचना होती रही है। बाइडन के राजनीतिक विरोधी उनकी कार्य क्षमता पर भी सवाल खड़ा करते आए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी बाइडन एक बैठक के दौरान निर्देशों के नोट को पढ़ते हुए नजर आए थे, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना की गई थी।
5 नवंबर, 2024 को होगा राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव 5 नवंबर, 2024 को होगा। वर्ष 2020 में हुए जनगणना पुनर्संयोजन में वोटों के पुनर्वितरण के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव होगा। बता दें कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति 20 जनवरी, 2025 को शपथ ले सकते हैं। रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी दो तरीके से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का चुनाव करती हैं- कॉकस और प्राइमरी। इनमें पार्टी का कोई भी सदस्य खड़ा हो सकता है।