जॉर्डन में हमलों का अमेरिका ने दिया जवाब, सीरिया-इराक में 85 ठिकानों को बनाया निशाना
क्या है खबर?
अमेरिका ने जॉर्डन में सैन्य अड्डे पर हुए हमले के जवाब में बड़ी कार्रवाई की है।
अमेरिकी सेना ने शुक्रवार देर रात सीरिया और इराक में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) और उनके समर्थित मिलिशिया से जुड़े 85 से अधिक ठिकानों पर हवाई हमले किए।
ये हमले लंबी दूरी तक मार करने वाले कई B-1 सुपरसोनिक बमवर्षक विमानों के जरिए किए गए हैं, जिन्होंने अमेरिका से उड़ान भरी थी। अमेरिकी सेना आने वाले दिनों में हमले जारी रख सकती है।
रिपोर्ट
IRGC के कुद्स फोर्स और विद्रोहियों के ठिकानों पर किए हमले
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने सीरिया और इराक में मौजूद IRGC के कुद्स फोर्स और सीरिया में इससे जुड़े विद्रोही गुटों पर हमले किए हैं।
अमेरिकी सेना ने अपने बयान में कहा है कि सीरिया और इराक में 30 मिनट में 7 स्थानों पर 85 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हवाई हमलों में कमांड और नियंत्रण केंद्रों, रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन भंडारण सुविधाओं के साथ-साथ रसद और गोला-बारूद आपूर्ति श्रृंखला सुविधाओं को टारगेट किया गया।
बयान
अमेरिकी सैन्य अधिकारी बोले- हमले में कई ठिकानों को किया नष्ट
अमेरिकी लेफ्टिनेंट जनरल डगलस सिम्स ने कहा कि ये हमले सफल होते दिखे हैं और जैसे ही बम आतंकवादियों के ठिकानों पर गिरे तो कई विस्फोट हुए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इन हमलों में कोई आतंकवादी मारा गया या नहीं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने हमले यह जानते हुए किए गए थे कि इन ठिकानों में मौजूद आतंकियों मारे जाने की पूरी संभावना होगी और हमले में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया है।
सीरिया
इराक ने कहा- अमेरिका के हवाई हमले संप्रभुता का उल्लंघन
सीरियाई मीडिया के अनुसार, शुक्रवार को सीरिया-इराक सीमा के रेगिस्तानी इलाकों में अमेरिकी सेना के हमले में कई लोग हताहत और घायल हुए हैं। इन हमलों से क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हो सकती है।
इराक के सैन्य प्रवक्ता याह्या रसूल ने एक बयान में कहा, "ये हवाई हमले इराकी संप्रभुता का उल्लंघन हैं और इराकी सरकार के प्रयासों को कमजोर करते हैं। सीमा क्षेत्र के स्थानीय लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।"
बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बोले- हमले का देंगे मुंहतोड़ जवाब
शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने डोवर एयरफोर्स बेस पर तीनों सैनिकों के शव पहुंचने पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और सैनिकों के परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई।
राष्ट्रपति बाइडन ने अपने एक बयान में कहा कि अमेरिका मध्य-पूर्व में संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन अगर कोई अमेरिका को नुकसान पहुंचता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि बाइडन ने IRGC और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हमला
जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुआ था हमला
दरअसल, 28 जनवरी को सीरिया-जॉर्डन सीमा पर एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमला हुआ था। इस हमले में 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
अमेरिका ने इसके लिए ईरान से जुड़े चरमपंथी गुटों को जिम्मेदार ठहराया था। ये अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध के बाद अमेरिकी सेना से खिलाफ पहला घातक हमला था।
हमले के बाद अमेरिका ने ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की बात कही थी।