
दुनिया-जहां: कितना खूंखार था ISIS प्रमुख अल-कुरैशी और अमेरिका ने उसे कैसे मार गिराया?
क्या है खबर?
बीते बुधवार को अमेरिकी सेना ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के प्रमुख अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी को मार गिराया था।
अल-कुरैशी ने अमेरिकी सैनिकों के हाथ आने से पहले ही खुद को आत्मघाती जैकेट में लगे बम से उड़ा लिया था। इस धमाके में उसके साथ-साथ उसके परिवार के लोग भी मारे गए, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।
आइये जानते हैं कि अल-कुरैशी कितना खूंखार था और कैसे अमेरिकी सेना ने इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया।
अल-कुरैशी
2019 में बना था ISIS का सरगना
अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी ने इस्लामिक स्टेट की स्थापना करने वाले और संगठन के पहले प्रमुख अबु बकर अल-बगदादी की 2019 में मौत के बाद उसकी जगह ली थी।
बगदादी के विपरीत अल-कुरैशी ने लो-प्रोफाइल रहकर काम किया था।
उसने ऐसे वक्त पर ISIS की कमान संभाली थी, जब अपने कब्जे में आ चुके इलाकों को गंवाने के बाद संगठन पर अमेरिका, इराक और दूसरे देशों की सेनाओं के हमले बढ़ गए थे।
जानकारी
मोसुल यूनिवर्सिटी से की थी इस्लामी न्यायशास्त्र की पढ़ाई
45 वर्षीय अल-कुरैशी को अब्दुल्ला आमिर मोहम्मद सईद अल-मावला और हाजी अब्दुल्ला कुर्दाश के नाम से भी जाना जाता था। वह एक बेहद खूंखार ऑपरेटर के तौर पर अपनी पहचान रखता था।
उसका जन्म 1976 में इराक के मोसुल के पास स्थित मुहालाबिया नामक शहर में हुआ था।
मोसुल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के दौरान उसने धार्मिक मार्गदर्शन और इस्लामी न्यायशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की। आतंकी संगठन में काम करते हुए उसने हमलों और दूसरी चीजों का अनुभव हासिल किया।
जानकारी
सद्दाम हुसैन की सेना का हिस्सा था अल-कुरैशी
इराक के सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो अल-कुरैशी ने कुछ समय तक सद्दाम हुसैन की सेना में भी नौकरी की थी।
हुसैन की मौत के बाद जब अमेरिका ने इस सेना को भंग करते हुए कई कमांडरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था, तब पूर्व सैनिकों ने अमेरिकी सुरक्षाबलों के खिलाफ हथियार उठा लिए थे।
अल-कुरैशी भी उन्हीं लोगों में शामिल था, जिन्होंने 2003-2004 के बीच इराक में अमेरिका की मौजूदगी के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में हिस्सा लिया था।
गिरफ्तारी
अल-कुरैशी को 2008 में किया गया था गिरफ्तार
2008 में अल-कुरैशी अमेरिका के हत्थे चढ़ गया और उसे कैंप बुक्का नाम डिटेंशन सेंटर में रखा गया।
यहां अल कायदा और ISIS से जुड़े कैदियों को रखा जाता था। दोनों आतंकी संगठनों के बीच यहां से महत्वपूर्ण संबंध शुरू हुए थे।
अगले साल अल-बगदादी के साथ अल-कुरैशी को भी रिहा कर दिया गया था।
2014 में अल-कुरैशी ने मोसुल पर कब्जा करने में अल-बगदादी की मदद की और यहीं से वह लगातार आगे बढ़ता गया।
जानकारी
खूंखार छवि के साथ आगे बढ़ता गया अल-कुरैशी
अल-कुरैशी को अपने संगठन में 'डिस्ट्रोयर' के नाम से भी जाना जाता था और उसने अल-बगदादी के नेतृत्व का विरोध करने वाले लोगों को खत्म करने में जरा भी देर नहीं लगाई। इस तरह उसने अपनी एक खूंखार छवि बना ली थी।
ऑपरेशन
अमेरिका ने कैसे किया अल-कुरैशी का खात्मा?
अमेरिकी सेना ने बुधवार रात को उत्तर-पश्चिमी सीरिया के इदलिब प्रांत के आतमेह कस्बे में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
अमेरिकी सैनिक हेलीकॉप्टरों से यहां स्थित एक तीन मंजिला इमारत के पास पहुंचे और अनाउंटसमेंट करके आम लोगों, बच्चों और महिलाओं को इमारत खाली करने को कहा।
जब तक अमेरिकी सैनिक तीसरी मंजिल पर मौजूद IS प्रमुख अल-कुरैशी के बाद पहुंचते, उसने खुद को बम से उड़ा लिया। इसमें उसकी पत्नी और दो बच्चे भी मारे गए।
तैयारी
दिसंबर से शुरू हो चुकी थी ऑपरेशन की तैयारी
अमेरिका ने अल-कुरैशी को खत्म करने के ऑपरेशन की तैयारी दिसंबर की शुरुआत में शुरू कर दी थी। अल-कुरैशी के जिंदा होने और ठिकाने की पुष्टि के बाद 20 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को इसकी जानकारी दी गई।
उन्हें अल-कुरैशी को जिंदा पकड़ने के विकल्प के बारे में भी बताया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह काफी पेचीदा ऑपरेशन था क्योंकि ISIS सरगना कभी इमारत से बाहर नहीं आता था।
ऑपरेशन
इसलिए टाली गई एयरस्ट्राइक की योजना
अधिकारी ने बताया कि रेकी के दौरान इलाके में बच्चों और तीन मंजिला इमारत में रहने वाले अन्य परिवारों को देखते हुए एयरस्ट्राइक की जगह हेलिकॉप्टर से छापेमारी का विकल्प चुना गया।
मंगलवार को रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल मार्क मिली के साथ एक बैठक में जो बाइडन ने इसे हरी झंडी दिखा दी।
बाइडन, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और दूसरे बड़े अधिकारियों को पल-पल की अपडेट दी जा रही थी।
जानकराी
सिचुएशन रूम से ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे बाइडन
बुधवार को शाम करीब 5 बजे फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ फोन पर बात करने के बाद बाइडन सिचुएशन रूम में आए और अन्य अधिकारियों के साथ ऑपरेशन का लाइव अपडेट देखने लगे।
दूसरी तरफ आतमेह कस्बे से मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी लगातार सिचुएशन रूम में रिपोर्ट भेज रहे थे।
उन्होंने बताया कि तीसरी मंजिल पर धमाका होने से पहले अमेरिकी बलों ने पहली मंजिल पर रहे चार बच्चों समेत छह आम नागरिकों को सकुशल निकाल लिया था।
ऑपरेशन
अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने से पहले अल-कुरैशी ने खुद को उड़ाया
जैसे ही अमेरिकी सैनिक दूसरी मंजिल पर पहुंचे, वहां मौजूद अल-कुरैशी के सहयोगी और उसकी पत्नी ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उन्हें ढेर कर दिया गया।
इसी दौरान वहां मौजूद अलकायदा की एक स्थानीय इकाई के दो हथियारबंद सदस्यों को हेलिकॉप्टर गन से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
अमेरिकी सैनिक तीसरी मंजिल पर पहुंच कर अल-कुरैशी को पकड़ पाते, उसने खुद को बम से उड़ा लिया।
ऑपरेशन
ऑपरेशन में बच्चों समेत 13 लोगों की मौत
जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने बताया कि ये धमाका इतना भीषण था कि न केवल तीसरी मंजिल पर मौजूद सभी लोग मारे गए बल्कि कुछ लोग इमारत से उड़कर बाहर गिर गए।
मौके पर पहुंचे सीरियाई राहतकर्मियों ने बताया कि हमले में कुल 13 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चे और महिलाएं हैं।
छापेमारी के दौरान एक अमेरिकी हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
जानकारी
ISIS के लिए बड़ा झटका, अमेरिका ने दी चेतावनी
एक समय इराक से लेकर सीरिया तक बड़े हिस्से पर हुकुमत चलाने वाले इस्लामिक स्टेट के लिए उसके सरगना का मारा जाना बड़ा झटका है। दूसरी तरफ जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका का यह ऑपरेशन दुनियाभर के आतंकी संगठनों के लिए चेतावनी है।
जानकारी
इसी तरह मारा गया था बगदादी
गौरतलब है कि ISIS की स्थापना करने वाले और संगठन के पहले प्रमुख अबु बकर अल-बगदादी ने भी खुद को इसी तरह बम से उड़ाया था।
अक्टूबर, 2019 में अमेरिकी सैनिकों ने सीरिया में उसके ठिकाने को घेर लिया था और जब उसके सारे साथी मारे गए तो बगदादी ने एक सुरंग में खुद को आत्मघाती जैकेट से उ़ड़ा लिया। इसमें उसके बच्चों की मौत भी हुई थी।
बगदादी की मौत के बाद ही कुरैशी IS प्रमुख बना था।