किसान आंदोलन पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की टिप्पणी, दोनों पक्षों से अधिकतम संयम की अपील
भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर पहली बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की टिप्पणी आई है। संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था ने आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों और प्रशासन दोनों से ही अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। इससे पहले अमेरिका और कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां इस आंदोलन को लेकर बयान दे चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले लगभग ढाई महीनों से हजारों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या है किसानों के आंदोलन की वजह?
मोदी सरकार ने पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून पारित किए थे। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करते हुए प्रशासन और प्रदर्शनकारियों दोनों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। संस्था ने ट्विटर पर लिखा कि शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने और अभिव्यक्ति के अधिकारों की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह सुरक्षा होनी चाहिए। ये जरूरी है कि सभी के मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए न्यायसंगत समाधान निकाला जाए। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की यह किसान आंदोलन पर पहली टिप्पणी है।
अमेरिका कर चुका है कानूनों का समर्थन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि इन कानूनों से भारतीय बाजार की कार्यक्षमता में सुधार होगा और ज्यादा निजी निवेश आएगा। बयान में विरोध करने के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा गया था कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन संपन्न लोकतंत्र की पहचान हैं।
कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने किया किसानों का समर्थन
इससे पहले पॉप सिंगर रिहाना और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने किसानों का समर्थन किया था। रिहाना ने सबसे पहले किसान आंदोलन के कारण इंटरनेट बंद किए जाने की खबर को शेयर करते हुए कहा था कि इसके बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा। इसके बाद ग्रेटा ने भी किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने एक 'टूलकिट' शेयर की थी, जिसे तैयार करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है।
पुलिस ने गूगल से मांगी जानकारी
ग्रेटा द्वारा शेयर की गई टूलकिट की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने गूगल और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इसे तैयार करने वाले लोगों से जुड़ी ईमेल आईडी, URL और अकाउंट की जानकारी मांगी है। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि असली दस्तावेज सामने आने के बाद जांचकर्ताओं को इस टूलकिट को तैयार करने वाले लेखकों और इसे शेयर करने वाले लोगों की पहचान में आसानी होगी।
किसानों ने किया चक्का जाम का आह्वान
दूसरी तरफ आंदोलन में तेजी लाने और एकजुटता दिखाने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों ने 6 फरवरी यानी आज देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि किसान इंटरनेट शटडाउन, प्रशासन द्वारा किसानों के उत्पीड़न और दूसरे मुद्दों के विरोध में आज दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक सभी नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम करेंगे। हालांकि, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा।