विदेशों में बसने के मामले में पहले नंबर पर भारतीय, प्रवासियों का सबसे बड़ा समुदाय
विदेशों में बसने के मामले में भारतीय दुनिया में पहले नंबर पर हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पलायन करके विदेशों में बसने वाले विभिन्न देशों के लोगों की सूची जारी की है। 1.75 करोड़ प्रवासी भारतीयों के साथ भारत इस सूची में पहले नंबर है। UN की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में प्रवासियों की संख्या 27.2 करोड़ है। सूची में शामिल शीर्ष 10 देशों का कुल प्रवासियों की संख्या में एक-तिहाई हिस्सा है।
UN के DESA विभाग ने जारी किए आंकड़ें
UN के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) ने बुधवार को 'द इंटरनेशनल माइग्रेंट स्टॉक 2019' के नाम से ये आंकड़े जारी किए। इसमें देशों, इलाकों, लिंग और आयु के आधार पर प्रवासियों को बांटा गया है। दुनियाभर के देशों से प्राप्त जनगणना के आंकड़ों, विदेश में जन्म लेने वाले प्रवासियों, जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सर्वेक्षणों का मूल्यांकन करने के बाद ये आंकड़े जारी किए गए हैं।
भारत के बाद इन देशों का नंबर
1.75 करोड़ प्रवासियों के साथ जहां सूची में भारत का पहला नंबर है, वहीं 1.18 करोड़ प्रवासियों के साथ मैक्सिको दूसरे नंबर पर है। 1.07 करोड़ प्रवासियों के साथ चीन और 1.05 प्रवासियों के साथ रूस एक करोड़ से ऊपर प्रवासियों वाले अन्य दो देश हैं। इनके अलावा सीरिया (82 लाख), बांग्लादेश (78 लाख), पाकिस्तान (63 लाख), यूक्रेन (59 लाख), फिलिपींस (54 लाख) और अफगानिस्तान (51 लाख) शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं।
भारत में कुल 51 लाख प्रवासी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 51 लाख अंतरराष्ट्रीय प्रवासी रहते हैं, जिनमें से दो लाख सात हजार शरणार्थी हैं। भारत की जनसंख्या में प्रवासियों की भागेदारी 0.4 प्रतिशत है। इन प्रवासियों में 48.8 प्रतिशत महिलाएं हैं और उनकी औसत आयु 47.1 वर्ष है। अपने देश से पलायन करके भारत आने वाले प्रवासियों में सबसे अधिक उसके पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल से हैं। बता दें कि मौजूदा सरकार में शरणार्थियों का मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरा है।
सबसे ज्यादा प्रवासियों को जगह देता है अमेरिका
अगर सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों को जगह देने वाले देशों की बात करें दुनिया के आधे प्रवासी शीर्ष 10 देशों में रहते हैं। इसमें 5.1 करोड़ अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के साथ अमेरिका पहले नंबर पर है, जोकि कुल अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 19 प्रतिशत है। 1.3-1.3 करोड़ प्रवासियों के साथ जर्मनी और सऊदी अरब दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। इसके बाद रूस (1.2 करोड़), UK (एक करोड़) UAE (90 लाख) और फ्रांस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया (80-80 लाख) का नंबर आता है।
अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर जबरन विस्थापन में हुआ इजाफा
इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2010 से 2017 के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर जबरन विस्थापन में इजाफा हुआ है। इस दौरान शरणार्थियों और राजनीतिक शरणार्थियों की संख्या में 1.3 करोड़ का इजाफा हुआ है, जोकि अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में हुई वृद्धि एक-चौथाई है। उत्तरी अमेरिका और पश्चिम एशिया ने मिलाकर कुल 46 प्रतिशत शरणार्थियों को अपने जहां जगह दी है, जबकि उप सहारा अफ्रीका ने 21 प्रतिशत शरणार्थियों को जगह दी।
प्रवासियों के योगदान को समझने के लिए आंकड़े अहम- DESA
DESA अंडर-सेक्रेटरी-जनरल लियू जेनमिन ने इस मौके पर इन आंकड़ों का महत्व बताया। उन्होंने कहा, "ये आंकड़ें प्रवासियों के मूल देश और जिस देश में वो बसते हैं उन दोनों के विकास में उनके अहम योगदान को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"