अनियमितताओं के आरोपों के बीच ब्राजील ने निलंबित किया कोवैक्सिन खरीदने का सौदा
ब्राजील ने भारत बायोटेक से कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन की दो करोड़ खुराकें खरीदने के सौदे को निलंबित कर दिया है। इस सौदे को लेकर ब्राजीली राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर अनियमितताओं के आरोप लग रहे थे। 24 अरब रुपये से अधिक के इस सौदे को लेकर राष्ट्रपति बोल्सोनार को कड़ी आलोचनाओं को सामना करना पड़ रहा था और उनके विपक्षी आरोप लगा रहे थे कि इस सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
बोल्सोनारो के सफाई देने के बावजूद शांत नहीं हुआ मामला
बोल्सोनारो की सरकार पर महंगी कीमत और जल्दबाजी में कोवैक्सिन का सौदा करने और नियामकीय मंजूरी को अनदेखा करने जैसे आरोप लग रहे हैं। खुद बोल्सोनारो ने इस मामले में सामने आकर सफाई दी थी, लेकिन यह विवाद शांत नहीं हुआ। बाद में एक सीनेटर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और वैक्सीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की मांग की थी। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले की जांच का फैसला किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- जांच तक निलंबित रहेगा सौदा
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्यूईरोगा ने कहा कि यह सौदा निलंबित किया जाता है और उनका मंत्रालय आरोपों की जांच करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि संघीय नियंत्रक जनरल के शुरुआती विश्लेषण में सामने आया है कि सौदे में कोई अनियमितता नहीं हुई है, लेकिन गहराई से समीक्षा के लिए इस सौदे को निलंबित किया जाता है। महामारी से निपटने के तरीके की जांच कर रहा पैनल भी इस सौदे की जांच करेगा।
पूर्व अधिकारी ने कही थी सौदे के लिए दबाव की बात
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी ने बताया ने उन्होंने बोल्सोनारो को यह जानकारी दी थी कि उन पर ऐसे सौदे को हरी झंडी देने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे एक खुराक की कीमत 1,000 प्रतिशत बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि उन पर कोवैक्सिन के आयात को मंजूरी देने के लिए दबाव बनाया गया था और इस सौदे में भारी अनियमितता हुई है। इसके बाद यह विवाद और बढ़ गया था।
फरवरी में हुआ था सौदा
ब्राजील ने फरवरी में दो करोड़ खुराकों के लिए भारत बायोटेक के साथ सौदा किया था। हालांकि, अभी तक इसके तहत न तो रकम का भुगतान हुआ है और न ही कोई खुराक ब्राजील भेजी गई है। इस सौदे के तहत ब्राजील को कोवैक्सिन की एक खुराक के लिए भारत बायोटेक की प्रतिनिधि प्रेसिसा मेडिकेमेंटोस को 15 डॉलर (लगभग 1,113 रुपये) का भुगतान करना था। इस कीमत के साथ कोवैक्सिन ब्राजील द्वारा खरीदी जाने वाली सबसे महंगी वैक्सीन बन जाती।
भारत बायोटेक ने किया गड़बड़ी से इनकार
दूसरी तरफ भारत बायोटेक का कहना है कि सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और उसने इस संबंध में बने सभी नियमों का पालन किया है। बता दें कि कंपनी को भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन बनाने का श्रेय जाता है।
दुनिया का तीसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है ब्राजील
ब्राजील कोरोना वायरस महामारी से अमेरिका और भारत के बाद तीसरा सर्वाधिक प्रभावित बना हुआ है। यहां अब तक 1.85 करोड़ लोग संक्रमित पाए गए हैं और 5.16 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर महामारी से निपटने में असफल रहने के आरोप लग रहे हैं और इस मामले में उनके खिलाफ जांच भी चल रही है। पहले उन्होंने महामारी को 'सामान्य बुखार' के समान बताया और फिर पाबंदियों का विरोध किया था।