
भारत में अगले हफ्ते मिल सकती है कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत में अगले सप्ताह एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल सकती है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है।
भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जा रहा है और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) एस्ट्राजेनेका से समझौते के तहत इसके क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। SII इस वैक्सीन का उत्पादन भी करेगी।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रक्रिया
SII ने जमा किए और आंकड़ें
इस महीने की शुरुआत में SII ने कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। इसके बाद नियामक संस्था ने कंपनी से ट्रायल से जुड़े अधिक आंकड़ों की मांग की थी।
अब SII ने ये आंकड़े उपलब्ध करवा दिए हैं। इन आंकड़ों पर विचार करने के बाद अगले सप्ताह तक सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की बैठक हो सकती है।
यह कमेटी ही वैक्सीन की अनुमति पर फैसला लेने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सलाह देती है।
तैयारी
मंजूरी मिलते ही वितरण के लिए तैयार SII
कोविशील्ड ने अलग-अलग खुराक के हिसाब से अलग-अलग नतीजे दिए हैं। दो खुराक वाले पैटर्न में यह वैक्सीन एक खुराक से कम प्रभावी साबित हुई है।
फिर भी भारत में इसके दो खुराक वाले पैटर्न को हरी झंडी मिल सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मंजूरी मिलते ही SII वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार है। उम्मीद जताई जा रही है कि शुरुआती दौर में भारत को 5-6 करोड़ खुराक मिल सकती हैं।
जानकारी
UK में भी अगले हफ्ते अनुमति मिलने की उम्मीद
ऐसी भी खबरें हैं कि अगले सप्ताह ही यूनाइटेड किंगडम (UK) में एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि 28 या 28 दिसंबर को UK में इस वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दिखाई जा सकती है।
नतीजे
क्या रहे थे ट्रायल के नतीजे?
एस्ट्राजेनेका ने बीते महीने अपनी वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजों का ऐलान किया था।
ट्रायल में शामिल 131 लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद जारी किए गए इन नतीजों में वैक्सीन को औसतन 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
कंपनी के अनुसार, वैक्सीन को पहले आधी खुराक और फिर पूरी खुराक वाले 2,800 लोगों के समूह में 90 प्रतिशत और दोनों पूरी खुराक वाले 8,900 लोगों के समूह में 62 प्रतिशत प्रभावी पाया गया।
फायदा
कोविशील्ड का स्टोरेज आसान
कोविशील्ड का स्टोरेज फाइजर की वैक्सीन की तुलना में बेहद आसान है।
फाइजर की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने की जरूरत होती है। इस स्तर की कोल्ड चैन भारत में फिलहाल मौजूद नहीं है। इसके चलते इसे दूरदराज के गांवों में पहुंचाना मुश्किल भरा काम है।
इसकी तुलना में कोविशील्ड को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है। ऐसे में इसकी स्टोरेज आसान होगी, जो चुनौतियां कम करने का काम करेगी।
जानकारी
भारत में तीन कंपनियों ने किया है मंजूरी के लिए आवेदन
भारत में SII के अलावा भारत बायोटेक और फाइजर ने अपनी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। इनमें से भारत बायोटेक और SII ने अतिरिक्त आंकड़े उपलब्ध करवा दिए हैं। फाइजर की तरफ से अभी तक आंकड़े नहीं दिए गए हैं।
कोरोना वायरस
भारत में महामारी की क्या स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 23,950 नए मामले सामने आए और 333 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,00,99,066 हो गई है। इनमें से 1,46,444 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2,89,240 हो गई है।
भारत कोरोना से दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश बना हुआ है।