देश में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद चार महीनों में हुई पांच मौतें- सरकार
देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। वैक्सीन को ही महामारी का एकमात्र उपचार माना जा रहा है और सरकार लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने में जुटी है। इसी बीच सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत दिए जवाब में बताया है कि पिछले चार महीनों में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद महज पांच लोगों की मौत हुई है।
RTI के तहत सरकार से मांगी थी मौतों की जानकारी
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पत्रकार सोमृता घोष ने गत दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में RTI आवेदन दाखिल कर वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों की जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा RTI में यह भी जानकारी मांगी गई थी कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कितने लोगों को गंभीर स्थिति के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
सरकार ने दी चार महीनों में पांच मौतों की जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से RTI के जवाब में बताया गया है कि देश में मार्च से जून के बीच वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद महज पांच लोगों की मौत हुई है। इसी तरह वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बार संक्रमित हुए लोगों में से महज चार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है। सरकार के इस जवाब से स्पष्ट हो रहा है कि वैक्सीन मौत के खतरे को कम करती है।
सरकार ने चिकित्साकर्मियों की स्थिति पर नहीं दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीनेशन अनुभाग इस तरह का पूरा रिकॉर्ड नहीं रखता है। ऐसे में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद दम तोड़ने या गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने वाले चिकित्साकर्मियों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
सरकार ने किया वैक्सीन लगवाने के बाद मौत का खतरा टलने का दावा
बता दें सरकार ने गुरुवार को दावा किया था कि अप्रैल से अगस्त के बीच के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद सामने आया है कि कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहा वैक्सीनेशन अभियान मौत के खतरे को लगभग खत्म कर देता है। अध्ययन के अनुसार, कोरोना वैक्सीन की एक खुराक मौत के खतरे को 96.6 प्रतिशत कम करती है तो दोनों खुराक लेने के बाद यह खतरा 97.5 प्रतिशत तक कम हो जाता है। ऐसे में वैक्सीन जीवनरक्षक है।
प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग तरह से काम करती है वैक्सीन- डॉ निश्चल
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल ने ने कहा, "कोरोना वैक्सीन प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के हिसाब से अलग-अलग तरह से काम करती है। कोरोना संक्रमण के साथ अन्य बीमारियों से जूझ रहे 70 वर्षीय व्यक्ति में वैक्सीन का प्रभाव एक युवा संक्रमित की तुलना में अलग होगा।" उन्होंने कहा, "वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।"
"कोई भी वैक्सीन नहीं होती है 100 प्रतिशत प्रभावी"
AIIMS के एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि दुनिया में कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होती है। इंसानी शरीर में वैक्सीन के काम करने का अलग-अलग तरीका होता है। उन्होंने कहा कि सामान्य युवाओं के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर वैक्सीन अधिक प्रभावी रूप से काम करती है, जबकि अन्य बीमारियों से ग्रसित अधिक उम्र के लोगों में यह कम प्रभावी होती है। ऐसे में उनके दोबारा संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 33,376 नए मामले सामने आए और 308 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,32,08,330 हो गई है। इनमें से 4,42,317 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,91,516 हो गई है। देश में पिछले कुछ महीनों में हालात बेहतर हुए हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है।