अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाले 78 यात्री पहुंचे भारत, गुरूग्रंथ साहिब की प्रतियां भी लाए
भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा सोमवार को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाले गए 25 भारतीय नागरिकों सहित कुल 78 यात्री मंगलवार को ताजिकिस्तान के दुशांबे हवाई अड्डे से एयर इंडिया की विशेष उड़ान से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे। इसके अलावा विमान से गुरूग्रंथ साहिब की तीन प्रतियों को भी लाई गई है। बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद से वहां दशहत और अराजकता का माहौल बना हुआ है।
MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने किया ट्वीट
विदेश मंत्रालय (MEA) के एक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, "अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी में मदद करना। AI-1956 उड़ान से 78 यात्रियों को दुशांबे से दिल्ली लाया गया। इसमें 25 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। इन्हें काबुल से वायुसेना विमान से निकाला गया।"
भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है सरकार- MEA
एयर इंडिया की इस विशेष उड़ान के जरिए यात्री अफगानिस्तान से गुरूग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां भी अपने साथ लाए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी काबुल से आए गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को दिल्ली हवाई अड्डे से बाहर लेकर आए। MEA ने कहा है कि सरकार अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह सरकार अफगान सिखों और हिंदुओं सहित अन्य लोगों को भी निकलाने में जुटी है।
यहां देखें विमान में सवार यात्रियों की फोटो और वीडियो
उड़ान में सवार लोगों ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद
विशेष उड़ान के जरिए सुरक्षित भारत लाए गए लोगों इस कार्य के लिए भारत सरकार का आभार जताया है। उन्होंने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले विमान में 'वहे गुरु का खालसा, वही गुरु की फतेह' के नारे भी लगाए। इससे वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। बता दें कि काबुल के मौजूदा हालात और हवाई अड्डे पर मची अफरा-तफरी के बीच भारतीयों के साथ-साथ अफगानिस्तान के नागरिकों का वहां से निकालना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
730 लोगों को भारत ला चुकी है सरकार
बता दें कि भारत सरकार अब तक 730 लोगों को अफगानिस्तान से भारत ला चुकी है। रविवार को तीन अलग-अलग उड़ानों में करीब 400 लोगों को वापस लाया गया था। इसके अलावा सोमवार को 130 से अधिक लोग विभिन्न उड़ानों के माध्यम से भारत पहुंचे। इससे पहले, भारत ने अफगानिस्तान में अपने राजदूत रुद्रेंद्र टंडन और लगभग 200 स्टाफ सदस्यों और सुरक्षा कर्मियों को निकाला गया था। तालिबान ने कहा है वह विदेशी राजनयिकों और नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
अफगानिस्तान में क्या हो रहा है?
हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए कुख्यात विद्रोहियों के एक समूह तालिबान ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। उन्होंने कुछ ही दिनों में काबुल पहुंचने से पहले कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी भी 15 अगस्त को देश छोड़कर भाग गए थे। तालिबान की वापसी संयुक्त राज्य अमेरिका के 20 साल के युद्ध के बाद सैनिकों को वापस लेने के फैसले के साथ हुई है।