अफगानिस्तान: काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़, पांच लोगों की मौत
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग बड़ी संख्या में काबुल छोड़कर भाग रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह हजारों लोगों की भीड़ काबुल एयरपोर्ट पर पहुंच गई और उन्हें दूर रखने के लिए अमेरिकी सैनिकों को कई बार हवा में फायरिंग करनी पड़ी। एयरपोर्ट पर पांच लोगों के मरने की खबरें भी हैं, हालांकि उनकी मौत कैसे हुई, अभी ये स्पष्ट नहीं है।
काबुल एयरपोर्ट से सामने आ रही मार्मिक तस्वीरें
बता दें कि कल तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था और इसके बाद से ही विदेशी और अफगानी नागरिक शहर से भागने की कोशिश में लगे हुए हैं। शहर से बाहर निकलने की उम्मीद में हजारों लोग एयरपोर्ट पर भी पहुंचे हैं और हवाई जहाजों में चढ़ने के लिए लोगों के बीच जद्दोजहद चल रही है। एयरपोर्ट से बाहर आ रहीं तस्वीरें और वीडियो बेहद मार्मिक कहानी बयां कर रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग
काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में लगे अमेरिका और अन्य देश
काबुल से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश स्पेशल फ्लाइट संचालित कर रहे हैं। भारत भी एयर इंडिया की फ्लाइंट्स के जरिए अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में लगा हुआ है। कई अफगानी नागरिकों ने भी अमेरिका औ अन्य देशों से उन्हें शरण देने की गुहार लगाई है और उनका कहना है कि अगर वे अफगानिस्तान में रहे तो तालिबान विदेशी सेनाओं की मदद के लिए उन्हें निशाना बना सकता है।
विमान में घुसने के लिए जूझते अफगानी लोग
अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा, राष्ट्रपति ने देश छोड़ा
गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने देश में युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था और उन्होंने किसी पड़ोसी देश में शरण ले ली है। उनके साथ उनका परिवार और करीबी सहयोगी भी हैं।
कई अफगानी सांसदों ने ली भारत में शरण
अफगानिस्तान के कई सांसदों ने भारत में शरण ले ली है और वे रविवार रात को एयर इंडिया के विमान से दिल्ली पहुंचे। इनमें वारदाक से सांसद वहिदुल्लाह कलीमजई, परवान से सांसद अजिज हाकिमी, सांसद अब्दुल कादिर जजाई, पूर्व राष्ट्रपति हमीद करजई के चचेरे भाई और पूर्व सांसद जमील करजई, बाघलान से सांसद शुक्रिया इसाखैल, पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल हादी अरघांदीवाल, पूर्व उप राष्ट्रपति युनूस कानूनी के भाई मोहमम्मद शरीफ शरीफी आदि प्रमुख नाम हैं।
अफगानिस्तान को गृह युद्ध की स्थिति में छोड़ने के लिए हो रही अमेरिका की आलोचना
20 साल पहले 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद अलकायदा को ढूढ़ते हुए अफगानिस्तान आए अमेरिका पर अपने सहयोगी देश को गृह युद्ध की स्थिति में छोड़ने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी का ऐलान कर चुका है और तालिबान के बढ़ते कदमों के बावजूद उसने अपना फैसला नहीं बदला है। राष्ट्रपति जो बाइडन की इसके लिए तीखी आलोचना हो रही है।