ICJ के फैसले से दबाव में पाकिस्तान, नियमों के मुताबिक देगा कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस
क्या है खबर?
पाकिस्तान अपनी कैद में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी नियमों के मुताबिक काउंसलर एक्सेस देगा। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जाधव को विएना कन्वेंशन के तहत मिले अधिकारों के बारे में बता दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) के फैसले को लागू करते हुए जाधव को विएना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 के तहत मिले अधिकारों के बारे में सूचना दे दी गई है।
सजा
2017 में सुनाई गई थी सजा
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश होने के नाते कमांडर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देगा।
बता दें, 49 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी।
इसके बाद भारत की तरफ से इस मामले में ICJ में अपील की गई। ICJ ने इस पर सुनवाई करते हुए जाधव की फांसी की सजा निलंबित कर दी है।
जानकारी
ICJ ने 15-1 के बहुमत से दिया फैसला
ICJ की 16 सदस्यीय बेंच ने 15-1 के बहुमत से दिए गए फैसले में कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दी गई सजा पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। अपने फैसले में ICJ ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था।
फैसला
ICJ ने कहा- पाकिस्तान ने किया विएना कन्वेंशन का उल्लंघन
ICJ ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत और कुलभूषण जाधव के काउंसर अधिकारों का उल्लंघन किया, जो विएना संधि के तहत उन्हें प्राप्त होते हैं।
कोर्ट ने कहा, "पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव तक पहुंच और उससे संवाद करने, जेल में उससे मिलने और उसके कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार से भारत को वंचित किया। ऐसा करने पाकिस्तान ने काउंसर संबंधों पर विएना संधि के नियमों का उल्लंघन किया।"
भारत की मांगे
कोर्ट ने भारत की कुछ मांगों को भी किया खारिज
ICJ ने इसके बाद पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने विएना संधि के उल्लंघन के मद्देनजर पाकिस्तान को जाधव की सजा पर प्रभावी समीक्षा और दोबारा विचार करने को कहा।
हालांकि कोर्ट ने भारत की कई मांगों को भी खारिज कर दिया।
इनमें जाधव को मौत की सजा देने के पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई और सुरक्षित भारत वापसी शामिल है।
केस
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने एक रुपये में लड़ा जाधव का केस
भारत की तरफ से इस केस की पैरवी वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कर रहे थे। एक सुनवाई के लिए जाने के लिए साल्वे 30 लाख रुपये की फीस लेते हैं, लेकिन जाधव का मुकदमा उन्होंने सिर्फ एक रुपये में लड़ा था।
वहीं पाकिस्तान ने इस केस के लिए वकील खवार कुरैशी को 20 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाले कुरैशी अंतरराष्ट्रीय अदालत में पैरवी करने वाले सबसे युवा वकील हैं।
गिरफ्तारी
मार्च 2016 में पाकिस्तान ने किया था कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया था।
भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया।
इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हैं।