हरीश साल्वे ने एक रुपये में लड़ा कुलभूषण जाधव का केस, पाकिस्तान ने खर्चे करोड़ों
क्या है खबर?
नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान की कैद में बंद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है।
भारत की तरफ से इस केस की पैरवी वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक सुनवाई के लिए जाने के लिए साल्वे 30 लाख रुपये की फीस लेते हैं, लेकिन जाधव का मुकदमा उन्होंने सिर्फ एक रुपये में लड़ा था।
जानकारी
सुषमा स्वराज ने बताई थी साल्वे की फीस
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2017 में कहा था कि साल्वे हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाधव का मुकदमा लड़ने के लिए महज एक रुपये की फीस ले रहे हैं। बता दें कि साल्वे देश के जाने-माने वकील हैं।
वकील
भारत ने खर्चा एक रुपया, पाकिस्तान ने करोड़ों
साल्वे ने जाधव के मामले में एक रुपये की फीस ली है, वहीं पाकिस्तान को यह केस लड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े।
पाकिस्तानी सरकार ने पिछले साल बताया था कि वह इस मामले के लिए इंग्लैंड में रहने वाले वकील खवार कुरैशी को 20 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाले कुरैशी अंतरराष्ट्रीय अदालत में पैरवी करने वाले सबसे युवा वकील हैं।
फैसला
ICJ ने भारत के पक्ष में सुनाया फैसला
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने बुधवार को भारत के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था।
ICJ ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने को कहा है।
इसका मतलब ये कि अब भारतीय अधिकारी जाधव से मिल सकेंगे और पाकिस्तान उन्हें रोक नहीं सकेगा।
साथ ही अदालत ने पाकिस्तान में जाधव को मिली मौत की सजा को भी निलंबित कर दिया है।
जानकारी
पाकिस्तान को सजा पर दोबारा विचार करने को कहा
ICJ ने कुलभूषण जाधव के काउंसलर एक्सेस के अधिकार को मद्देनजर रखते हुए ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की प्रभावी समीक्षा करने और इस पर दोबारा विचार करने का आदेश भी दिया है।
फैसला
ICJ ने कहा- पाकिस्तान ने किया विएना समझौते का उल्लंघन
ICJ ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत और कुलभूषण जाधव के काउंसर अधिकारों का उल्लंघन किया, जो विएना संधि के तहत उन्हें प्राप्त होते हैं।
कोर्ट ने कहा, "पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव तक पहुंच और उससे संवाद करने, जेल में उससे मिलने और उसके कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार से भारत को वंचित किया। ऐसा करने पाकिस्तान ने काउंसर संबंधों पर विएना संधि के नियमों का उल्लंघन किया।"
भारत की मांग
कोर्ट ने भारत की कुछ मांगों को भी किया खारिज
ICJ ने इसके बाद पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने विएना संधि के उल्लंघन के मद्देनजर पाकिस्तान को जाधव की सजा पर प्रभावी समीक्षा और दोबारा विचार करने को कहा।
हालांकि कोर्ट ने भारत की कई मांगों को भी खारिज कर दिया।
इनमें जाधव को मौत की सजा देने के पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई और सुरक्षित भारत वापसी शामिल है।
गिरफ्तारी
मार्च 2016 में पाकिस्तान ने किया था कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया था।
भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया।
इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हैं।