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जम्मू-कश्मीर: सऊदी अरब और मलेशिया ने नहीं किया किसी का पक्ष, शांतिपूर्ण समाधान की अपील

जम्मू-कश्मीर: सऊदी अरब और मलेशिया ने नहीं किया किसी का पक्ष, शांतिपूर्ण समाधान की अपील

Aug 09, 2019
11:33 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के 2 देशों, सऊदी अरब और मलेशिया, ने भारत और पाकिस्तान किसी का पक्ष नहीं लिया है। सऊदी अरब ने मामले के शांतपूर्ण समाधान पर जोर दिया, जबकि मलेशिया ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के संकल्पों का सम्मान होना चाहिए। वहीं, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने मामले में दखल देने की पाकिस्तान की मांग को खारिज कर दिया है।

बयान

दोनों देशों को संयम बरतने की सलाह

सऊदी अरब ने अपने बयान में कहा, "हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य अंतरराष्ट्रीय संकल्पों के अनुसार मामले के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देता है और सभी पक्षों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने और क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखने की अपील करता है।" वहीं, मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने उम्मीद जताई कि दोनों देश तनाव और बढ़ने से रोकने के लिए भरपूर संयम बरतेंगे।

कौन किसके साथ?

UAE, मालदीव ने भारत तो तुर्की ने किया पाकिस्तान का समर्थन

इससे पहले OIC के अन्य 2 देश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मालदीव, ने मामले पर भारत का समर्थन किया था और इसे उसका आंतरिक मामला बताया था। वहीं, तुर्की ने मामले पर पाकिस्तान का समर्थन किया। घटनाक्रम पर चिंता जाहिर करते हुए तुर्की ने कहा था कि भारत के एकतरफा फैसले से तनाव बढ़ेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मामले पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन से फोन पर बात की थी।

इस्लामिक सहयोग संगठन

क्या है इस्लामिक सहयोग संगठन?

OIC, 57 सदस्यों का एक वैश्विक समूह है और इसके सारे सदस्य मुस्लिम बहुल देश हैं। संगठन की स्थापना 1969 में हुई थी और यह खुद को 'मुस्लिम समाज की सामूहिक आवाज' के तौर पर परिभाषित करता है। संगठन के माध्यम से इस्लामी देश मुस्लिम समुदाय से जुड़े राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।

जानकारी

कश्मीर पर भारत के विरोध में रहा है OIC का रुख

पाकिस्तान हमेशा ही OIC का इस्तेमाल कश्मीर में मुस्लिम समुदाय की हालत के बारे में झूठ फैलाने और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा करने के लिए करता रहा है। यही कारण है कि कश्मीर पर OIC का रुख पाकिस्तान के समर्थन में रहा है।

पाकिस्तान को झटका

UN ने खारिज की पाकिस्तान की मांग

OIC में ताजा मामले को लेकर दो राय होने के बीच UN ने मामले में दखलअंदाजी की पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया है। UN महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने दोनों देशों से 'अधिकतम संयम' बरतने की अपील करते हुए कहा कि कश्मीर का मामला द्विपक्षीय है और इसे 1972 के शिमला समझौते के तहत शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए। बयान में शिमला समझौते के हवाले को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।