जम्मू-कश्मीर: विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान से प्रेरित सैकड़ों युवाओं ने लिया सेना भर्ती में हिस्सा
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर से आती नकारात्मक खबरों के बीच फिर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो एक साधारण भारतीय को सुकून देंगी।
ये तस्वीरें जम्मू-कश्मीर में हुई सेना भर्ती की हैं, जिसमें कश्मीर के युवा बड़ी संख्या में पहुंचे।
इन युवाओं के रोल मॉडल विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान हैं जो तीन दिन पाकिस्तान की कैद में रहने के बाद सकुशल भारत वापस आए थे।
वह भी अभिनंदन की तरह देश की सेवा करना चाहते हैं।
अभिनंदन वर्तमान
अभिनंदन की बहादुरी से प्रेरित हैं युवा
सेना ने डोडा स्थित खेल मैदान में प्रादेशिक सेना (TA) के लिए भर्ती का आयोजन किया, जिसमें 2,000 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया।
एक प्रतिभागी मुबस्सिर अली ने कहा, "मैं यहां भारतीय सेना से जुड़ने के लिए आया हूं ताकि देश और अपने परिवार की सेवा कर सकूं। विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने कब्जे में लिया था, लेकिन उसके बाद वह भारत वापस आ गए। इससे युवाओं को उम्मीद और सेना से जुड़ने की प्रेरणा मिली है।"
ट्विटर पोस्ट
सेना से जुड़कर देश और परिवार की सेवा करना चाहते हैं युवा
JK: Mubassir Ali, one of the aspirants, says, "I am here to join Indian Army to serve the country my family. Wing Commander Abhinandan was captured by Pakistan army but then he came back to India. This has given hope to youth inspired them to join Indian Army." pic.twitter.com/qUNGkXzkUB
— ANI (@ANI) March 9, 2019
प्रादेशिक सेना
क्या है प्रादेशिक सेना?
TA भारतीय सेना का ही हिस्सा है, जो नागरिक प्रशासन और अन्य दैनिक कार्यो में सेना की मदद करती है।
यह अन्य क्षेत्रों में नौकरियां करने वाले युवाओं को देश सेवा करने और फौजी वर्दी पहनने का सपना पूरा करने का मौका देती है।
TA जवानों कुछ महीने बाद अपनी नियमित नौकरी और जिंदगी में लौट सकते हैं।
उन्हें केवल उतने समय का वेतन मिलता है, जितने समय के लिए वह सेना को अपनी सेवा देते हैं।
पुलवामा आतंकी हमला
पुलवामा हमले के बाद हुई सेना भर्ती में भी दिखा था ऐसा ही जोश
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हुई एक सेना भर्ती में भी कश्मीरी युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
सेना से जुड़कर देशसेवा करने का युवाओं का यह जोश आतंकियों के मंसूबों को मुंह चिढ़ाता है। यह घाटी में आतंकियों की सोच की हार और भारत की सोच की जीत का प्रतीक है।
यह जोश बताता है कि कुछ कश्मीरी भले ही गलत राह पर निकल जाएं, लेकिन बाकियों में देशभक्ति की कोई कमी नहीं है।