सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड- रिपोर्ट्स
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुए हमले के मास्टरमाइंड के मरने की खबरें आ रही हैं।
सुरक्षा अधिकारीयों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मुद्दसिर अहमद खान दक्षिण कश्मीर के त्राल के पिंगलिश इलाके में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया।
सुरक्षाबलों ने उसके अलावा 2 अन्य आतंकियों को भी मार गिराया। एनकाउंटर रविवार देर रात तक चला।
हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
खुफिया जानकारी
सुरक्षाबलों को मिली थी आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी
इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने शुरुआत में इलाके की घेराबंदी की और खोज अभियान चलाया। लेकिन आतंकियों द्वारा फायरिंग किए जाने के बाद इसने जल्द ही मुठभेड़ का रूप ले लिया।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों की लाशें पहचानने योग्य नहीं रही हैं और उनकी पहचान स्थापित किए जाने का प्रयास चल रहा है।
मुद्दसिर को पुलवामा आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।
साजिश
मुद्दसिर ने किया था विस्फोटकों और वाहन का इंतजाम
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि 23 वर्षीय मुद्दसिर एक इलेक्ट्रीशियन था और त्राल के मीर मोहल्ले का रहने वाला था।
स्नातक करने के बाद मुद्दसिर ने इलेक्ट्रीशियन बनने के लिए ITI से एक साल का डिप्लोमा कोर्स किया था।
उसने ही पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों और मारूति इको का इंतजाम किया था।
मारूति को जैश के अन्य सज्जाद भट ने हमले से 10 दिन पहले ही खरीदा था। वह तभी से फरार है।
आदिल अहमद डार
फिदायीन आदिल के लगातार संपर्क में था मुद्दसिर
मुद्दसिर 2017 में ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर जैश से जुड़ा था। बाद में नूर मोहम्मद तांत्रेय ने उसे आतंकवादी गतिविधियों में लगाया।
नूर मोहम्मद को कश्मीर में जैश को दोबारा जिंदा करने का जिम्मेदारा माना जाता है।
दिसंबर 2017 में उसके मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मुद्दसिर 14 जनवरी 2018 को घर से गायब हो गया था।
CRPF के काफिले पर हमला करने वाला फिदायीन आदिल अहमद डार लगातार उसके संपर्क में था।
अन्य आतंकी हमले
अन्य आतंकी हमलों में भी शामिल रहा है मुद्दसिर
मजदूर पिता के सबसे बड़े बेटे मद्दसिर का फरवरी 2018 में सुंजवान में सेना कैंप पर हुए हमले में भी हाथ माना जाता है, जिसमें 6 जवान और एक नागरिक मारा गया था।
जनवरी 2018 में लेथपोरा में CRPF कैंप पर हुए हमले में भी उसका हाथ होने का शक था, जिसमें 5 CRPF जवान शहीद हुए थे।
पुलवामा आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 27 फरवरी को मुद्दसिर के घर पर खोजबीन की थी।
पुलवामा आतंकी हमला
पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान
बता दें कि 14 फरवरी को जैश के फिदायीन आदिल ने विस्फोटकों से लदी मारूति इको को CRPF के काफिले में घुसा दिया था।
हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे।
कश्मीर के हालिया इतिहास में सुरक्षाबलों पर हुआ यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था।
पूरे देश में हमले का बदला लेने की मांग उठी थी।
भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों पर बम बरसा कर हमले का बदला लिया था।