ब्लैकलिस्ट होने के डर से पाकिस्तान ने बंद किए 20 आतंकी कैंप, घुसपैठ पर लगी लगाम
आतंकवाद को लेकर चौतरफा दबाव झेल रहा पाकिस्तान अब आतंकियों और उनके ठिकानों पर कार्रवाई करने लगा है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ब्लैकलिस्ट में जाने के डर से पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे 20 आतंकी कैंपों को बंद किया है। वहीं सरकार के आंकड़ें भी इस बात पर मुहर लगाते हैं। इनके मुताबिक, इन गर्मियों में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से घुसपैठ की घटनाएं नहीं हुई हैं।
FATF की ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इन 20 कैंपों को भारत में आंतकियों को भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। पाकिस्तान ने यह कार्रवाई जून में हुई FATF की बैठक से पहले की थी। इस बैठक से पहले पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखा गया था। बैठक में पाकिस्तान को आतंकियों के वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अक्तूबर तक का समय दिया गया था।
पिछले साल जून से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
जून में हुई FATF की बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवादियों के वित्तपोषण रोकने में लगातार दूसरी बार असफल हुआ है। इससे पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट में आने की संभावनाएं बनी हुई है। FATF ने पिछले जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था।
पाकिस्तान को अक्तूबर तक का समय
19-21 जून तक फ्लोरिडा में हुई बैठक में इस बार पर चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान इस साल जनवरी तक पूरे होने वाली योजना को पूरा करने असक्षम रहा था। साथ ही वह मई तक होने वाले एक्शन को भी पूरा नहीं कर पाया। FATF ने अब पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए अक्तूबर तक का समय दिया है। अगर पाकिस्तान इस दौरान पुख्ता कदम नहीं उठा पाता है तो FATF अगली कार्रवाई पर विचार करेगी।
ब्लैकलिस्ट होने पर होंगे ये नुकसान
अगर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे आर्थिक प्रभाव होंगे। इसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर भी रोक लग सकती है।
नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ पर लगी लगाम
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की इस कार्रवाई की नतीजा यह हुआ है कि नियंत्रण रेखा से भारत में घुसपैठ की रिपोर्ट नहीं आई है। तीन दशकों में संभवतः यह पहला मौका है जब कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की घटनाओं पर लगाम लगी है। साथ ही सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे आंतक-रोधी अभियानों के चलते भी आतंकी घटनाओं पर रोक लगी है। हालांकि, इसे पाकिस्तान के व्यवहार में बदलाव मानने को अभी जल्दबाजी माना जा रहा है।
LoC पार 28 आतंकी कैंप
LoC पार पीर पंजाल रेंज के उत्तर और दक्षिण में पाकिस्तान 28 लॉन्च पैड्स चला रहा है। इनसे घुसपैठ की संभावना अभी भी बनी हुई है। मौसम और बर्फबारी को देखते मई से अक्तूबर तक का समय घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में भी आई कमी
बीते तीन महीनों से भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में तेजी से कमी आई है। बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद यह पाकिस्तानी सेना के व्यवहार में आए परिवर्तन को दिखाता है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जून में सीजफायर उल्लंघन के 181 मामले सामने आये, जबकि मार्च में यह संख्या 267 थी। बता दें, साल के शुरुआती महीनों में LoC पर जबरदस्त तनाव देखा गया था।