रूस चंद्रमा के लिए बना रहा न्यूक्लियर प्लांट, मिशन में शामिल हो सकता है भारत
चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए भविष्य के चंद्र मिशनों को ठीक तरह से संचालित किया जा सके, इसके लिए रूस चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वाला है। रूस के साथ चंद्रमा के लिए इस विशेष मिशन में अन्य देश भी शामिल हो सकते हैं। यूरेशियन टाइम्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए रूस के साथ मिशन में शामिल होना चाहते हैं।
क्या है रूस की योजना?
योजना के अनुसार, रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा निगम रोसाटॉम के नेतृत्व में एक छोटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाना है, जो आधा मेगावाट तक ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हो। रिएक्टर चंद्रमा पर भविष्य में बनने वाले बेस को ऊर्जा प्रदान करेगा, जिस पर रूस और चीन वर्तमान में एक साथ मिलकर काम भी कर रहे हैं। रूस ने कहा है कि चंद्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण जटिल होगा और निर्माण मनुष्यों की सीधे भागीदारी के बिना किया जाएगा।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर चल रहा काम
रूस और चीन ने 2021 में अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (ILRS) नामक संयुक्त चंद्र बेस बनाने की योजना की घोषणा की थी, जिसे 2035 और 2045 के बीच चरणों में चालू किया जा सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने मई में घोषणा की थी कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर काम चल रहा है। इस परियोजना में भारत की रुचि 2040 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन और एक बेस स्थापित करने के वजह से महत्वपूर्ण हो जाती है।