तुर्की: 122 घंटे बाद मलबे से जिंदा बाहर निकाली गईं दो महिलाएं
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 24,000 से पार पहुंच गई है। अभी भी हजारों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, जिन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव दल दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इसी बीच खबर आई है कि तुर्की में बचावकर्मियों ने भूकंप के 122 घंटों बाद मलबे से एक 70 वर्षीय महिला समेत दो महिलाओं को जिंदा बाहर निकाला है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बचाई गई महिलाओं की उम्र 70 और 55 साल
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कहरामनमारस प्रांत में बचावकर्मियों ने 70 वर्षीय महिला मेनेक्से तबाक को मलबे से निकाल अस्पताल पहुंचाया है। वहीं दक्षिण-पूर्व तुर्की के सबसे बड़े शहर दियार्बाकिर में एक इमारत के मलबे में दबी 55 साल की मासाल्लाह सिसेक को चोटिल अवस्था में बाहर निकाला गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ घंटों में 67 लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है। लगभग 31,000 बचावकर्मी लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं।
अस्पताल में भर्ती हैं 80,000 घायल- उपराष्ट्रपति
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुआट ओक्टे ने बताया कि भूकंप प्रभावित इलाकों के अस्पतालों में लगभग 80,000 घायलों का इलाज चल रहा है और 10 लाख लोगों को अस्थायी कैंपों में ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य उन्हें एक साल के भीतर स्थायी घर बनाकर वापस सामान्य जनजीवन की तरफ ले जाना है। हालांकि, भूकंप के बाद बचाव कार्यों में देरी को लेकर तुर्की और सीरियाई सरकार को सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
अर्दोआन ने मानी देरी की बात
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने शुक्रवार को अदियमन प्रांत का दौरा किया। यहां उन्होंने माना कि त्रासदी के बाद सरकार की प्रतिक्रिया उतनी तेज नहीं थी, जितनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "अभी हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी खोज और बचाव टीम है, लेकिन सच्चाई है कि तलाशी अभियान उतना तेज नहीं है, जितना हम चाहते हैं।" तुर्की में मई में चुनाव होने हैं और उससे पहले विपक्ष ने इस मुद्दे पर अर्दोआन को घेर लिया है।
सीरियाई राष्ट्रपति ने किया अस्पताल का दौरा
सोमवार को भूकंप से सीरिया में भी बड़े स्तर पर तबाही हुई है। शुक्रवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद ने पहली बार भूकंप प्रभावित अलेप्पो का दौरा किया और यहां के एक अस्पताल में घायलों से मिले। उनकी सरकार ने गृह युद्ध झेल रहे देश में मानवीय सहायता को हरी झंडी दिखा दी है, जिसके बाद उम्मीद जगी है कि लाखों लोगों को सहायता मिल सकेगी। इससे पहले एजेंसियों ने कहा था कि उनके पास स्टॉक खत्म हो रहा है।
दोनों देशों में कितनी मौतें?
तुर्की में शनिवार तक भूकंप के कारण 20,665 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा 3,500 से पार हो गया है। राहत एजेंसियों का अनुमान है कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग मलबे में दबे हुए हैं। हालांकि, हर बीतते मिनट के साथ उनके जिंदा बचने की उम्मीदें कम होती जा रही है। भयंकर ठंड के चलते राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
'ऑपरेशन दोस्त' के जरिये भारत कर रहा तुर्की की मदद
भारत के 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत लगातार तुर्की और सीरिया को मदद और राहत सामाग्री मुहैया करवाई जा रही है। भारतीय वायुसेना के छह विमान तुर्की पहुंच चुके हैं, जिनमें बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीमें, वाहन और डॉग स्क्वॉड शामिल हैं। इसके अलावा एक्स-रे मशीनें, वेंटिलेटर, ऑपरेशन थिएटर और एम्बुलेंस जैसे विभिन्न उपकरणों और दवाइयों के साथ 30 बेड का एक अस्पताल तैयार करने के लिए सामान भेजा गया है।