रूस के कारण यूरोपीय देशों में हलचल बढ़ी, स्विट्जरलैंड बदलेगा अपनी 500 साल पुरानी तटस्थ नीति
क्या है खबर?
रूस के साथ बढ़ती तल्खी को देखते हुए यूरोपीय देशों में खलबली मची हुई है। यही कारण है कि स्विट्जरलैंड अपनी 500 साल पुरानी तटस्थ रहने की नीति को बदलने पर विचार कर रहा है।
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, यह नीति वैश्विक संघर्ष के दौरान स्वीट्जरलैंड के तटस्थ रहने की है। पिछले दिनों देश के अध्ययन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया।
रिपोर्ट में विशेषज्ञों के समूह ने सरकार से रक्षा रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
विचार
क्या कहा विशेषज्ञों ने?
विशेषज्ञों के समूह ने सरकार को यूरोपीय संघ और नाटो के साथ "साझा रक्षा क्षमता" पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से तटस्थता एक बार फिर देश और विदेश दोनों जगह राजनीतिक बहस का विषय बन गई है, स्विटजरलैंड पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बढ़ रहा है।
समूह ने कहा स्विट्जरलैंड की तटस्थता ने देश की हथियारों की बिक्री पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।
रिपोर्ट
हथियारों का निर्यात बढ़ाने को कहा
यूक्रेन पर रूस की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए पिछले दिनों स्वीडन और फिनलैंड ने भी अपना तटस्थता को त्यागकर नाटो में शामिल होने का फैसला किया है। इससे स्वीट्जरलैंड भी सहम गया।
समूह ने रिपोर्ट में कहा कि स्विट्जरलैंड का हथियार निर्यात पिछले साल 2022 की तुलना में 27 प्रतिशत घट गया है, जिसका कारण सख्त हथियार निर्यात नीतियां हैं।
यह नीति युद्ध में शामिल किसी देश को हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है।