पाकिस्तान का पेशावर कैसे बना एमपॉक्स का केंद्र? अब तक सामने आए 5 मामले
क्या है खबर?
दुनिया में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस के बढ़ते मामलों ने चिकित्सा विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2 साल में दूसरी बार इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। इस बार वायरस के नए वेरिएंट 'क्लेड एलबी' ने वैश्विक चिंता पैदा की है। यह तेजी से फैल रहा है तथा इसके बारे में बहुत कम जानकारी है।
पाकिस्तान के पेशावर में इसके 5 मामले आ चुके हैं। ऐसे में जानते हैं पेशावर इसका केंद्र कैसे बना है।
मामले
पाकिस्तान में एमपॉक्स के मामलों की संख्या
पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) मंत्रालय के प्रवक्ता साजिद शाह ने बताया कि, देश में संक्रमित मिले 5वें मरीज की 29 अगस्त को बाचा खान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संदिग्ध लक्षणों के आधार पर जांच कराई थी, जिसमें उसके संक्रमण की पुष्टि हो गई। वह सऊदी अरब से लौटा था।
संघीय स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शबाना सलीम ने बताया कि एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद यह देश में चौथा मामला है।
बयान
पेशावर बना एमपॉक्स का केंद्र- सलीम
संघीय स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सलीम ने कहा, "पेशावर एमपॉक्स मामलों का केंद्र बनता जा रहा है। देश के सभी 5 मामले यहीं सामने आए हैं। यह प्रवृत्ति चिंताजनक है और हम इसे और फैलने से रोकने के लिए दोगुना प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "पेशावर में वायरस का फिर से उभरना इसके संक्रमण को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है। यहां 5 में से 4 अन्य मामले जनजातीय बहुल क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सामने आए हैं।"
प्रयास
पाकिस्तान सरकार ने बचाव के लिए क्या किए प्रयास?
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपाय बढ़ा दिए हैं और सभी हवाई अड्डों पर कड़े स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल लागू किए हैं।
इसी तरह संघीय और प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारी भी स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए समन्वय कर रहे हैं, ताकि सभी आवश्यक कदम शीघ्रता से उठाए जा सकें।
सभी स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों को सभी निवारक उपाय लागू करने के लिए 24 घंटे काम करने को कहा है।
जानकारी
लोगों को किया जा रहा है जागरुक
स्वास्थ्य महानिदेशक सलीम ने लोगों से सतर्क रहने, स्वास्थ्य संबंधी सलाह का पालन करने और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लौटने वालों लोगों को सावधान रहने की अपील की है। इसके अलावा लोगों को बीमारी से बचाव के लिए जागरुक भी किया जा रहा है।
अन्य देश
अन्य एशियाई देशों में क्या है एमपॉक्स की स्थिति?
एमपॉक्स तेजी से अन्य देशों में फैल रहा है। 22 अगस्त को थाईलैंड में एक रोग नियंत्रण अधिकारी ने क्लेड आईबी स्ट्रेन के पहले एमपॉक्स मामले की पुष्टि की। यह 66 वर्षीय यूरोपीय व्यक्ति अफ्रीकी देश की यात्रा कर लौटा था।
सिंगापुर में इसके 13 और फिलीपींस में 3 मामले सामने आ चुके हैं।
जुलाई 2022 से फिलीपींस में इस तरह के 12 मामले सामने आए थे। ऐसे में इन देशों की सरकार ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।
भारत
भारत में नहीं आया कोई मामला, अलर्ट पर सरकार
भारत में एमपॉक्स का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, सरकार ने इसको लेकर सतर्कता बरतते हुए उपाय भी शुरू कर दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों, बंदरगाहों, विशेषकर बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमा से लगे बंदरगाहों पर कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
किसी भी संभावित मंकीपॉक्स मामले के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली में 3 केंद्र सरकारी अस्पतालों में बनाए गए हैं।
एम्पॉक्स
क्या है एमपॉक्स वायरस?
एमपॉक्स वायरस के संक्रमण से होने वाली एक बीमारी है। यह वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं।
इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कमजोरी और सूजे हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं।
इसमें शरीर पर चेचक जैसे लाल और बड़े चकत्ते निकलने लगते हैं। इसके कारण बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों की मौत भी हो सकती है।
इसका पहला मामला 1958 में कांगो में दर्ज किया गया था।
कारण
एमपॉक्स कैसे फैलता है?
WHO के अनुसार, किसी संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है।
संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों या उसके स्पर्श से भी यह फैलता है।
यह वायरस छिली हुई त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है।
साल 2022 में यह वायरस ज्यादातर यौन संपर्क के माध्यम से फैला था।