लू से हर साल होती है 1.53 लाख मौत, भारत 5वें स्थान पर- रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि दुनियाभर में हर साल लू से करीब 1.53 लाख मौत होती है। 1990 के बाद से 30 वर्षों का आंकड़ा देखने वाले नए शोध में पता चला कि भारत लू से होने वाली मौत के मामले में 5वें स्थान पर है। भारत के बाद चीन और रूस का नंबर आता है। चीन में 14 प्रतिशत और रूस में 8 प्रतिशत मौत लू से होती है।
दुनियाभर में होने वाली मौतों में आधी एशिया में होती हैं
अध्ययन के मुताबिक, लू से जुड़ी अत्यधिक मौत गर्मी से संबंधित सभी मौतों का लगभग एक तिहाई और वैश्विक स्तर पर कुल मौतों का 1 प्रतिशत है। शोध करने वालों ने पाया कि हर साल गर्मियों में होने वाली कुल 1.53 लाख अतिरिक्त मौतों में से लगभग आधी एशिया में और 30 प्रतिशत से अधिक यूरोप में होती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि 1990 से 2019 तक लू से हर साल प्रति 10 लाख निवासियों पर कुल 236 मौतें हुईं।
कैसे हुआ अध्ययन?
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए ब्रिटेन के मल्टी-कंट्री मल्टी-सिटी (MCC) सहयोगात्मक अनुसंधान नेटवर्क के आंकड़ों का उपयोग किया। इसमें 43 देशों के 750 स्थानों से दैनिक मौत और तापमान का जिक्र था। अध्ययन के दौरान जब 2019 तक के दशक की तुलना 1999 तक के दशक से की गई तो पता चला कि दुनिया में हर साल लू की अवधि औसतन 13.4 से 13.7 दिनों तक बढ़ी है और हर दशक में औसत तापमान 0.35 डिग्री सेल्सियस बढ़ा।