नए तरीकों से हमला कर रहे आतंकियों को रोकने के लिए CRPF करेगी रणनीति में बदलाव
क्या है खबर?
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में CRPF पर हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश जवानों के साथ खड़ा है और उनके शोक में शामिल है।
लेकिन इस बीच कुछ सवाल ऐसे भी है जिनका जबाव ढूढ़ना सरकार और सुरक्षाबलों के लिए बेहद जरूरी है।
खबर है कि बेहद पुख्ता सुरक्षा वाले जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर इस हमले के बाद CRPF अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) और अन्य सुरक्षा इंतजामों में बड़ा बदलाव कर सकती है।
सुरक्षा में चूक?
हमले वाले इलाके में रहती है बेहत पुख्ता सुरक्षा
दरअसल पुलवामा में हाइवे पर जिस जगह हमला हुआ, वहां किसी भी काफिले के निकलने से पहले गश्त दल सुरक्षा इंतजाम और किसी अन्य खतरे का जायजा लेता है।
जब यह दल रास्ते को सुरक्षित घोषित करता है, उसी के बाद वहां से काफिला गुजरता है।
काफिले के गुजरने के दौरान हर 100 मीटर पर जवान भी खड़े रहते हैं।
ऐसे में पिछले गुरुवार को हुआ हमला सुरक्षा और SOP में बड़ी चूक की ओर इशारा करता है।
CRPF
CRPF करेगी सुरक्षा के तरीकों में बदलाव
इसी कारण से अब CRPF अपने SOP में बड़ा बदलाव करने जा रही है, ताकि भविष्य में आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर ऐसे किसी भी हमले को टाला जा सके।
नए बदलाव के तहत CRPF अपने काफिले के गुजरने के दौरान सेक्टर वाइज ट्रैफिक कंट्रोल करेगी और इस दौरान किसी भी निजी गाड़ी को काफिले के समय पर उसके रास्ते से गुजरने की अनुमति नहीं होगी।
यही नहीं, इस दौरान गलियों से निकलने वाली गाड़ियों को भी रोका जाएगा।
बैठक
गृह मंत्रालय के साथ बैठक करेंगे CRPF अधिकारी
नए SOP को लेकर CRPF के बड़े अधिकारी गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक करेंगे।
बैठक में सशस्त्र सीमा बल (SSB), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP), सीमा सुरक्षा बल (BSF), जम्मू-कश्मीर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
CRPF के काफिले में बुलेट प्रूफ गाड़ियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
इसके अलावा पूरे इलाके को सैनेटाईज करने के लिए आईईडी डिटेक्शन कैपेबिलिटी बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
आतंकवादी
आतंकियों ने बदला हमला करने का तरीका
दरअसल, जिस तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए आतकंवादी नए तरीके अपना रहे हैं, सुरक्षाबल भी उन्हें रोकने के लिए अपने काम करने के तरीके में बदलाव करेंगे।
पहले आतंकी ग्रेनेड फेंक कर या फायरिंग करके सुरक्षाबलों पर हमला करते थे।
इसमें सुरक्षाबल बीस साबित होते थे और आतंकियों को भारी नुकसान होता था।
इसलिए अब आतंकियों ने अपने हमले के तरीकों को बदला है और सुरक्षाबल भी उन्हें रोकने के लिए हर बदलाव के लिए तैयार हैं।