केंद्र सरकार दादर नगर हवेली और दमन-दीव को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश क्यों बना रही?
पिछले महीने देश में दो नए केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आए थे। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया था। अब सरकार दो केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर एक करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को दादर-नगर हवेली और दमन-दीव को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने का विधेयक पेश किया। इस नए केंद्रशासित प्रदेश का नाम दादर और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव होगा।
क्यों लिया गया दो केंद्र शासित प्रदेशों को एक करने का फैसला?
दरअसल, देश के पश्चिमी हिस्से पर बसे इन दोनों द्वीपों की दूरी केवल 35 किलोमीटर है। इन दोनों में कुल तीन जिले हैं। दमन-दीव में दो और दादर नगर हवेली में एक जिला है। आकार के लिहाज से छोटे होने और पास-पास होने के बावजूद इन दोनों के लिए अलग-अलग बजट बनता है। सरकार का कहना है कि इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को एक किए जाने से इनका प्रशासन बेहतर हो सकेगा।
क्या होगा नए केंद्र शासित प्रदेश का स्वरूप?
नए केंद्रशासित प्रदेश में दो लोकसभा सीटें होंगी। अभी तक दोनों प्रदेशों के कैडर में अलग-अलग अधिकारी थे, जो अब नए केंद्रशासित प्रदेश कैडर में आएंगे। बाकी सरकारी अधिकारी भी नए केंद्रशासित प्रदेश का हिस्सा होंगे। कानूनी मामलों की बात करें तो अभी तक दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के मामले बॉम्बे हाई कोर्ट देखती है। यह व्यवस्था नया केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी जारी रहेगी। इस फैसले के बाद देश में केंद्र शासित प्रदेश घटकर आठ रह जाएंगे।
राज्यों से कितने अलग होते हैं केंद्र शासित प्रदेश?
देश के राज्यों में विधानसभाएं होती हैं। यहां पर लोगों की चुनी हुई सरकार का शासन होता है, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह केंद्र सरकार के अधीन होते हैं। यहां पर राष्ट्रपति एक एडमिनिस्ट्रेटर या उप राज्यपाल नामित करते हैं। इन प्रदेशों में विधानसभा हो भी सकती है और नहीं भी। उदाहरण के लिए नए बने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं है। यहां उप राज्यपाल के जरिए केंद्र सरकार का शासन है।