
ITR रिफंड में किन कारणों से हो सकती है देरी? यहां जानिए पूरा विवरण
क्या है खबर?
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर निकट आ रही है। दूसरी तरफ कई करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के बाद रिफंड में देरी या समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। समय पर रिटर्न दाखिल करना महत्वपूर्ण है, लेकिन रिफंड की समय पर प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है। आइये जानते हैं किन कारणों से ITR रिफंड में देरी हो सकती है।
लिंकिंग
पैन का आधार से लिंक क्यों जरूरी?
पैन-आधार लिंकिंग समस्या: अगर, आपके आधार और पैन की जानकारी मेल नहीं खाती तो आपके आयकर रिफंड में देरी हो सकती है। ITR दाखिल करने के लिए अपने पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है। बैंक के खाते का विवरण: आप फॉर्म में गलत बैंक खाता विवरण देते हैं तो उसमें रिफंड जमा नहीं होगा। इसलिए, फॉर्म भरते समय सही खाता संख्या और IFSC कोड दर्ज करें। इसके अलावा, आयकर पोर्टल पर खाते को पहले से वेरिफाई कर लें।
गलत दावे
गलत दावे ऐसे बन सकते हैं देरी का कारण
गलत दावे या झूठी जानकारी: अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता वाली कटौतियों या क्रेडिट दावों में आपके रिफंड में तब तक देरी हो सकती है, जब तक कि आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न करा दिए जाएं। बढ़ा-चढ़ाकर किए गए रिफंड दावे भी गहन जांच होने से देरी का कारण बन सकते हैं। जानकारी में विसंगति: फॉर्म 26AS, वार्षिक सूचना विवरण (AIS) या फॉर्म 16 में दी गई जानकारी में किसी भी तरह की विसंगति होने पर रिफंड में देरी हो सकती है।