
चीन में एस जयशंकर की उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात, विचारों के खुले आदान-प्रदान पर जोर
क्या है खबर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर 14 और 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हुए हैं। सोमवार को तियानजिन निकलने से पहले उन्होंने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने पर बल दिया। जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई मुलाकात को भी याद किया।
भाषण
एस जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने कहा, "पिछले अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी चर्चाएं इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।" उन्होंने आगे कहा, "हमने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की भी भारत में व्यापक रूप से सराहना की जा रही है।"
मुलाकात
जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति की जटिलता की बात की, क्या है मायने?
इस दौरान जयशंर ने कहा कि चीन-भारत के संबंधों के निरंतर सामान्यीकरण से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। उन्होंने आगे, "आज जब हम मिल रहे हैं, तो अंतरराष्ट्रीय स्थिति बहुत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोणों का खुला आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है।" जयशंकर का अंतरराष्ट्रीय जटिलता से तात्पर्य ईरान-इजरायल युद्ध, यूक्रेन-रूस युद्ध और अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ से लगाया जा रहा है।
मुलाकात
2020 के बाद पहली बार चीन पहुंचे जयशंकर
वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन-भारत के बीच सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आया था। इसके बाद से जयशंकर अब पहली बार चीन पहुंचे हैं। जयशंकर SCO बैठक से पहले, अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मिल सकते हैं। इस दौरान दलाई लामा के उत्तराधिकार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और भारत को दुर्लभ मृदा आपूर्ति जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है।