गुरुग्राम दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, टॉप 10 में 7 भारतीय शहर शामिल
एक रिपोर्ट में सामने आया है कि 2018 में गुरुग्राम दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 7 भारत से हैं, वहीं टॉप 5 में पाकिस्तान के फैसलाबाद के अलावा बाकी सारे शहर भारत के हैं। कभी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रही देश की राजधानी दिल्ली इस बार 11वें स्थान पर है। मंगलवार को इंडोनेशिया के जकार्ता में ग्रीनपीस और एयर विजुअल ने मिलकर यह रिपोर्ट जारी की।
दिल्ली का 11वां स्थान
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति खतरनाक बनी हुई है और इस क्षेत्र में आने वाले लगभग सारे शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। गुरुग्राम में पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण में सुधार हुआ है, इसके बावजूद वह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। गुरुग्राम के अलावा टॉप 10 में शामिल भारत के 7 शहरों में गाजियाबाद, फरीदाबाद, भिवाड़ी, नोएडा, पटना और लखनऊ हैं। अपनी खराब हवा के लिए बदनाम दिल्ली का सूची में 11वां स्थान है।
टॉप 20 में 18 शहर भारतीय उपमहाद्वीप से
टॉप 10 में शामिल अन्य 3 शहर पाकिस्तान के फैसलाबाद, लाहौर और चीन का होटन हैं। टॉप 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 18 शहर भारतीय उपमहाद्वीप (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश) के हैं। रिपोर्ट में 3,000 शहरों की सूची है, जिनमें से 64 प्रतिशत में PM 2.5 का स्तर WHO द्वारा निर्धारित सामान्य स्तर (10μg/m3) से ऊपर है। दक्षिण-पूर्व एशिया ग्रीनपीस के कार्यकारी निदेशक येब सानो ने कहा, "PM 2.5 का हमारे स्वास्थ्य और हमारे पैसे दोनों पर बहुत प्रभाव पड़ता है।"
PM 2.5 के स्तर से तय होती है वायु गुणवत्ता
वायु सूचकांक हवा में खतरनाक PM 2.5 कणों की उपस्थिति के मुताबिक वायु गुणवत्ता तय करता है। यह एक खतरनाक प्रदूषक है जो सीधे फेफड़ों और खून में जाकर मनुष्य को नुकसान पहुंचाता है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रदूषण के कारण अगले साल 70 लाख लोगों की मौत हो सकती है। सानो ने अपने बयान में कहा है, "मानव जीवन की क्षति के साथ, इससे श्रम में 225 अरब डॉलर और मेडिकल खर्चे में ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होता है।"
बीजिंग की स्थिति में काफी सुधार
रिपोर्ट में मध्य पूर्व और अफ्रीका में जितने भी शहरों में प्रदूषण का स्तर मापा गया, सभी में PM 2.5 का स्तर सामान्य से ज्यादा था। दक्षिण एशिया के 99 प्रतिशत, दक्षिण-पूर्व एशिया के 95 प्रतिशत और पूर्व एशिया के 89 प्रतिशत शहरों में यह स्तर सामान्य से ज्यादा था। कभी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहे बीजिंग स्थिति सुधरी है और यह अब 122वें स्थान पर है। भारत इस मामले में अपने पड़ोसी से सीख सकता है।