ज्यादा सनस्क्रीन का प्रयोग लड़की के लिए बना जानलेवा, टूटी दस से ज्यादा पसलियां
क्या है खबर?
गर्मियों में टैनिंग की समस्या से बचना हो या सर्दियों की ठंडी हवाओं से, सनस्क्रीन हर तरह से त्वचा की देखभाल करने में मदद करती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी सनस्क्रीन का प्रयोग किसी के लिए जानलेवा बन सकता है।
दरअसल, चीन में एक लड़की ने हद से ज्यादा सनस्क्रीन का प्रयोग कर लिया था, जिसके परिणामस्वरूप उसकी दस से भी ज्यादा पसलियां टूट गई।
आइए जानें कि पूरा मामला क्या है।
जानकारी
सनस्क्रीन लगाने से कमजोर हुई हडि्डयां
चीन की राजधानी बीजिंग में झेजियांग प्रांत की 20 वर्षीय जियाओ माओ की हद से ज्यादा सनस्क्रीन लगाते रहने से हडि्डयां कमजोर हो गयीं थीं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी दस से भी ज्यादा पसलियां टूटने की बात डॉक्टरों द्वारा पता चली थी।
इलाज
खांसी के इलाज के समय पता चली समस्या
माओ को इस बात की जानकारी कि उनकी पसलियां टूटी हैं, खांसी के इलाज के दौरान कराए गए टेस्ट से मिली।
दरअसल, माओ ने गर्मियों में स्ट्रॉ से बने मैट पर सोना शुरू किया था, जिसके बाद उसे खांसी की समस्या से जूझना पड़ा।
खांसी के शुरुआती इलाज में डॉक्टरों को यह एलर्जिक अस्थमा की समस्या लगी, लेकिन जब उसे सीने में बायीं ओर दर्द भी होने लगा, तब जांच में दर्द का कारण दस पसलियां टूटना सामने आया।
जांच
टेस्ट का परिणाम देख डॉक्टर भी हुए हैरान
टेस्ट का नतीजा देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए थे, क्योंकि टेस्ट की जांच करने पर डॉक्टरों को पता चला कि माओ की बोन डेन्सिटी औसतन बाकी चीनी महिलाओं के मुकाबले बहुत कम थी।
इतना ही नहीं, उसके शरीर में विटामिन-डी, ब्लड कैल्शियम और ब्लड फॉस्फोरस आदि पोषक तत्वों के स्तर भी बहुत कम पाएं गए थे।
इसी वजह से उसकी हडि्डयां कमजोर हो गयी थीं और पसलियां टूटने लग गईं थीं।
कारण
सनस्क्रीन बनी इन पोषक तत्वों की कमी का कारण
माओ का इलाज कर रहें डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा हो सकता है कि माओ की पसलियां टूटने की वजह सनस्क्रीन ऑब्सेशन ही हो, क्योंकि माओ के शरीर में विटामिन-डी की कमी बहुत ही ज्यादा पायी गई थी।
दरअसल, हद से ज्यादा सनस्क्रीन लगाने से उसकी बॉडी को उतना विटामिन-डी मिल ही नहीं पाया, जितने की जरूरत थी।
सनस्क्रीन लगाने से स्किन टैन होने से तो बच गई, लेकिन उसकी हडि्डयां कमजोर हो गई थीं।
सनस्क्रीन
कौन सी सनस्क्रीन का प्रयोग करती थी माओ?
जांच के दौरान डॉक्टरों के पूछने पर माओ ने बताया कि स्किन टैन न हो, इसलिए वह ज्यादा समय घर के अंदर ही रहती थीं और जब भी बाहर जाना होता तो SPF 50 वाला सनस्क्रीन लगाकर ही निकलती थीं।
कुछ शोध के मुताबिक तो डॉक्टरों ने इस इलाज की वजह सही बताई है, लेकिन कुछ का कहना है कि शरीर में विटामिन-डी के संयोजन पर सनस्क्रीन के इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ता।