क्या भारत आएंगे इमरान खान? SCO सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगी सरकार
क्या है खबर?
इस साल भारत में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी न्योता भेजेगा।
गुरूवार को विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत SCO सम्मेलन में शामिल होने के लिए सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजेगा।
चूंकि पाकिस्तान भी SCO के स्थाई सदस्यों में शामिल है, इसलिए उसके प्रधानमंत्री इमरान खान को भी इसमें शामिल होने के लिए न्योता भेजा जाएगा।
बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी जानकारी
SCO सम्मेलन की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "भारत इस साल के अंत में राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी करेगा। स्थापित प्रथा और प्रक्रिया के तहत सभी आठ सदस्यों और चार ऑब्जर्वर देशों और अन्य अंतरराष्ट्रीय डायलॉग सहयोगियों को बुलाया जाएगा।"
अपने बयान में उन्होंने विशेष तौर पर पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया, लेकिन सभी आठ सदस्य देशों को निमंत्रण देने की बात से साफ है कि पाकिस्तान को भी न्योता भेजा जाएगा।
जानकारी
UNSC में पाकिस्तान-चीन ने की थी जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश
भारत सरकार की ओर से ये घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब बुधवार को पाकिस्तान ने चीन के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। हालांकि पाकिस्तान-चीन का ये प्रयास असफल रहा।
शंघाई सहयोग संगठन
क्या है SCO?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है।
चीन और रूस सहित 5 देशों ने साल 2001 में इसकी स्थापना की थी।
इसका मकसद सदस्य देशों के बीच मौजूद विवादों को सुलझाने और आपसी सहयोग को बढ़ाना है।
चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं।
इसे यूरोपीय देशों के समूह नाटो (NATO) का जवाब माना जाता है। चीन, रूस और भारत जैसे देशों की उपस्थिति इसे बेहद महत्वपूर्ण बनाती है।
स्थाई सदस्यता
2017 में स्थाई सदस्य बना था भारत
भारत को 2005 में SCO में 'ऑब्जर्वर सदस्य' का दर्जा दिया गया था और इसके बाद वो आमतौर पर समूह की मंत्री स्तर की बैठकों में शामिल होता रहा।
2017 में भारत को समूह का स्थाई सदस्य बनाया गया। इसी साल पाकिस्तान को भी स्थाई सदस्यता दी गई थी।
अब भारत पहली बार SCO के वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे।
भारत-पाकिस्तान संबंध
आतंक को लेकर खराब हैं भारत और पाकिस्तान के रिश्ते
बता दें कि उरी और पुलवामा जैसे आतंकी हमलों के बीच भारत और पाकिस्तान में पिछले कई सालों से शीर्ष स्तर पर कोई भी बातचीत नहीं हुई है।
भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान को पहले अपनी धरती से आतंकवाद खत्म करना होगा, उसी के बाद कोई बातचीत होगी।
फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद तो रिश्ते और खराब हुए हैं और भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में लगा हुआ है।
पिछला सम्मेलन
पिछले सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक पर सुनाई थी खरी-खरी
इसी तनाव के बीच पिछले साल जून में किर्गीस्तान की राजधानी बिश्केक में हुए SCO सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को समर्थन, धन और सहायता देने वाले देशों पर कार्रवाई होनी चाहिए और SCO सदस्यों को आतंकवाद के सफाये के लिए एक साथ आकर काम करना चाहिए।
इस सम्मेलन में इमरान खान भी शामिल हुए थे, लेकिन मोदी और उनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई।