एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान क्या रहेगा एजेंडा और भारत के क्या होंगे प्रयास?
क्या है खबर?
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 4 से 9 मार्च तक यूनाइटेड किंगडम (UK) और आयरलैंड की 6 दिवसीय आधिकारिक यात्रा हैं।
इस दौरान वह ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी सहित ब्रिटिश नेताओं के साथ उच्च स्तरीय चर्चा करेंगे।
इसमें उनका पूरा ध्यान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए चल रही वार्ता पर होगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
आइए जानते हैं इस दौरे के एजेंडे में क्या-क्या शामिल है।
कार्यक्रम
ब्रिटेन दौरे पर किन-किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे जयशंकर
भारत और ब्रिटेन एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, जिसमें रक्षा, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
राजनयिक बैठकों के अलावा, जयशंकर बेलफास्ट और मैनचेस्टर में नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन करेंगे, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में ब्राजील में G-20 शिखर सम्मेलन में की थी।
इन अतिरिक्त सुविधाओं से ब्रिटेन में भारत की राजनयिक उपस्थिति बढ़ेगी, जिससे भविष्य में भारत को बड़ा फायदा होगा।
जानकारी
चैथम हाउस में संबोधन भी देंगे जयशंकर
जयशंकर बुधवार को लंदन स्थित प्रमुख थिंक टैंक चैथम हाउस में 'भारत का उदय और विश्व में भूमिका' विषय पर एक सत्र को संबोधित करेंगे, जिसमें वैश्विक मामलों में भारत के बढ़ते प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के प्रति उसके दृष्टिकोण को रेखांकित किया जाएगा।
महत्व
जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
जयशंकर की यह यात्रा यूरोप में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बढ़ती चर्चाओं के साथ मेल खाती है।
डेविड लैमी के साथ यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच हाल ही में हुए हाई-प्रोफाइल कूटनीतिक टकराव के बाद होगी।
इस टकराव के बाद प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने यूरोपीय नेताओं के साथ यूक्रेन की मदद के लिए एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी की। ऐसे में जयशंकर की यात्रा पर अमेरिका की भी नजर होगी।
प्रयास
FTA पर चर्चा को आगे बढ़ाने पर होगी भारत की नजर
जयशंकर की यात्रा का सबसे प्रतीक्षित पहलू भारत-ब्रिटेन FTA पर चर्चा फिर से शुरू होना है। व्यापार समझौते पर बातचीत का उद्देश्य टैरिफ कम करना और निवेश को बढ़ावा देना है।
फरवरी में ब्रिटिश व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स के भारत दौरे पर इस पर दोबारा वार्ता शुरू हुई थी।
इस FTA के अंतर्गत फार्मास्यूटिकल्स, वित्तीय सेवाएं और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे, जिससे दोनों देशों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलेगा। ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण है।
एजेंडा
आयरलैंड की यात्रा पर क्या रहेगा एजेंडा?
जयशंकर 6-7 मार्च तक आयरलैंड में रहेंगे, जहां वे अपने आयरिश समकक्ष साइमन हैरिस सहित अन्य अधिकारियों और प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे।
भारत और आयरलैंड के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक संबंधों और बढ़ते आर्थिक सहयोग पर आधारित हैं।
इस यात्रा के दौरान राजनयिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने और दोनों देश भारत-आयरलैंड संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना की घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
लक्ष्य
भारत का पहला लक्ष्य है वैश्विक संतुलन
जयशंकर की ब्रिटेन और आयरलैंड यात्रा तेजी से बदलते भू-राजनीतिक घटनाक्रम के बीच हो रही है। भारत खुद को एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
वह अमेरिका, यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ अपने संबंधों सहित जटिल कूटनीतिक परिदृश्यों को भी सावधानीपूर्वक संभाल रहा है।
भारत ने संघर्षों को सुलझाने के लिए लगातार शांतिपूर्ण वार्ता की वकालत की है और हमेशा इस पर बरकरार रखा है।