हिरोशिमा पर इस्तेमाल बम से 17 गुना ज्यादा शक्तिशाली था उत्तर कोरिया का परमाणु परीक्षण- ISRO
उत्तर कोरिया ने 2017 में जो परमाणु परीक्षण किया था वो हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम से 17 गुना ज्यादा शक्तिशाली था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक रिसर्च में ये बात सामने आई है। इसमें बताया गया है कि इस परीक्षण से हुआ धमाका इतना शक्तिशाली था कि इससे माउंट मंटप की सतह हिल गई थी। बता दें कि माउंट मंटप पर ही ये परमाणु परीक्षण किया गया था।
अलग तकनीक से पता लगाई परमाणु परीक्षण की शक्ति
डॉ केएम श्रीजिथ के नेतृत्व वाली ISRO की एक तीन सदस्यीय टीम ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर रिसर्च की है। रितेश अग्रवाल और एएस राजावत इस टीम में शामिल अन्य दो सदस्य थे। उनका रिसर्च पेपर रॉयल रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की पत्रिका 'जियोफिजीकल जर्नल इंटरनेशनल' में प्रकाशित हुआ है। रिसर्चर्स ने भूकंपीय डाटा के जरिए परमाणु परीक्षण की क्षमता पता लगाने के पारंपरिक तरीके से हटते हुए सैटेलाइट्स की मदद से इसकी शक्ति का पता लगाया है।
अपनी जगह से कुछ मीटर हिल गई माउंट मंटप की सतह
रिसर्च मैप में बताया गया है कि 3 सितंबर, 2017 को किए गया ये परमाणु परीक्षण इतना शक्तिशाली था कि इससे माउंट मंटप की सतह कुछ मीटर हिल गई। इसके अलावा पहाड़ की चोटी भी अपनी जगह से आधा मीटर हिल गई। रिसर्च पेपर के अनुसार, परीक्षण में हुए विस्फोट से 66 मीटर रेडियस का छेद हुआ और इससे 245-271 किलोटन ऊर्जा निकली जबकि हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 15 किलोटन ऊर्जा निकली थी।
अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में गिराए थे हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम
बता दें कि अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा में परमाणु बम गिराया गया था। इस बम को 'लिटिल बॉय' नाम दिया गया था। इसके बाद 9 अगस्त को अमेरिका ने जापान के ही नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। इस बम का नाम 'फैट मैन' था। दोनों धमाकों में एक लाख से अधिक लोग मारे गए थे। ये पहली और आखिरी बार था जब परमाणु बमों का इस्तेमाल किया गया।
परमाणु हथियारों की अंधी रेस को रोकने के लिए लाई गई परमाणु अप्रसार संधि
1970 में परमाणु हथियारों के लिए बढ़ती रेस को रोकने के लिए परमाणु अप्रसार संधि लाई गई जिसका मकसद परमाणु हथियारों के निर्माण को रोकना था। लेकिन इसके बावजूद कई देश परमाणु हथियार बनाने की कोशिश में लगे रहे।
2003 में अप्रसार संधि से बाहर निकला उत्तर कोरिया
2003 में उत्तर कोरिया ने परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने की घोषणा की थी और तभी से वो परमाणु हथियार बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। वो अब तक पांच परमाणु परीक्षण कर चुका है जिनमें सबसे आखिरी और शक्तिशाली 3 सितंबर, 2017 को किया गया परीक्षण था। परीक्षणों के कारण उत्तर कोरिया पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और ये अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव का एक बड़ा मुद्दा रहा है।