WHO की चेतावनी- अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है कोरोना का अगला वेरिएंट
क्या है खबर?
ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण आई लहर कमजोर पड़ने के साथ ही यह उम्मीद जगने लगी है कि अब कोरोना संकट अपनी समाप्ति की तरफ है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ऐसा नहीं मानता।
संगठन ने चेतावनी दी है कि अभी महामारी खत्म होने से बहुत दूर है और भविष्य में आने वाले कोरोना वायरस के वेरिएंट ओमिक्रॉन से अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकते हैं और ये प्रतिरक्षा को चकमा देने में भी सक्षम हो सकते हैं।
बयान
वैक्सीनों के लिए चुनौती बन सकता है नया वेरिएंट- WHO
प्रेस के साथ बात करते हुए संगठन की महामारी विशेषज्ञ और तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वेन खेर्खोव ने कहा कि भविष्य में आने वाला वेरिएंट अधिक संक्रामक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है और वैक्सीनों के लिए भी चुनौती खड़ी कर सकता है।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि यह बीमार पड़ने और मरने से बचाती है।
बयान
कोरोना वायरस के कमजोर होने की गारंटी नहीं- WHO
डॉ खेर्खोव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि सही कदम उठाने से कोरोना का प्रसार कम रहेगा, लेकिन उस प्रसार में भी ऐसे लोगों में ज्यादा मामले देखने को मिलेंगे, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है या जिनकी प्रतिरक्षा कमजोर हो गई है।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि समय के साथ कोरोना वायरस कमजोर होता जाएगा। दुनिया यह मान रही है, लेकिन इस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।
कोरोना वायरस
स्थानिक बीमारी बनने की जताई जा रही उम्मीद
एक तरफ WHO ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है, वहीं दूसरी तरफ कई विशेषज्ञों का कहना है कि अब यह महामारी स्थानिक बीमारी (एन्डेमिक) बनने की तरफ बढ़ रही है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महामारी विभाग के प्रमुख डॉ समिरन पांडा का कहना है कि मार्च तक कोरोना वायरस महामारी स्थानिक बीमारी बन सकती है।
यूरोपीय संघ के ड्रग्स नियंत्रक ने भी ऐसी ही उम्मीद जताई है।
जानकारी
किसी बीमारी को स्थानिक बीमारी कब माना जाता है?
किसी बीमारी को स्थानिक तब माना जाता है, जब किसी विशेष जगह पर सीमित लोगों में इसके मामले सामने आते हैं और बिना किसी खास प्रयासों के ये स्थिर बने रहते हैं।
उदाहरण के तौर पर देखें तो पोलिया स्थानिक बीमारी थी, चिकनपॉक्स स्थानिक बीमारी है। इसी तरह HIV अमेरिका में और मलेरिया अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ देशों में स्थानिक बन चुकी है।
इबोला की बात करें तो कांगो में यह स्थानिक बीमारी बन चुकी है।
महामारी की स्थिति
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 40.07 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 57.63 लाख लोगों की मौत हुई है।
सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 7.70 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 9.09 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है।
भारत में अब तक कोरोना के 4.24 करोड़ मामले सामने आए हैं और 5.05 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।