क्या है कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में लॉन्च हुई एंटी-वायरल दवा 'मोलनुपिरावीर' की खासियत?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अमेरिकी फार्मा कंपनी मर्क द्वारा विकसित की गई ओरल एंटी वायरल दवा 'मोलनुपिरावीर' को गत दिनों केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को इसे भारतीय बाजार में लॉन्च भी कर दिया गया है। इससे देश को माहमारी के खिलाफ एक और हथियार मिल गया है।
ऐसे में यहां जानते हैं दवा की कीमत क्या है और यह कोरोना महामारी के खिलाफ कैसे कारगर साबित होगी।
पृष्ठभूमि
मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स ने तैयार की है 'मोलनुपिरावीर'
बता दें कि 'मोलनुपिरावीर' एक एंटीवायरल दवा है। इसे मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स कंपनी में अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए तैयार किया है।
इसे एक टैबलेट (मुंह से लेने वाली गोली) के रूप में तैयार किया है और इसका उपयोग भी बहुत आसान है।
इस वर्ष अप्रैल में हेटेरो ने मोलनुपिरावीर दवा के वितरण के लिए मर्क एंड कंपनी के साथ लाइसेंसी समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
ट्रायल
कोरोना से मौत के खतरे को आधा कर देती है मोलनुपिरावीर
ओरल ली जाने वाली 'मोलनुपिरावीर' को ट्रायल में कोरोना से मौत और अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में 50 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है।
इसका मतलब ये दवा कोरोना संक्रमितों के मरने या अस्पताल में भर्ती होने की आशंका को लगभग आधा कर देती है। विशेषज्ञों ने इसे गेम-चेंजिंग दवा बताया है।
कंपनी ने कहा कि अभी तक के ट्रायल और वायरस सीक्वेंसिंग में मोलनुपिरावीर को कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाया गया है।
मंजूरी
'मोलनुपिरावीर' को 28 दिसंबर को मिली थी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
बता दें कि भारत की प्रमुख जेनरिक दवा कंपनी हेटेरो ने जुलाई में दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के समक्ष आवेदन किया था।
इसके डाटा का लंबा अध्ययन करने के बाद गत 28 दिसंबर को इसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।
उसके बाद से विभिन्न दवा कंपनियों में इसे बाजार में उतारने की होड़ मच गई। ऐसे में अब यह जल्द ही देशभर के बाजारों में उपलब्ध हो सकेगी।
उत्पादन
भारत में कितनी कंपनियां कर रही है 'मोलनुपिरावीर' का उत्पादन?
बता दें कि मर्क एंड कंपनी ने मार्च और अप्रैल के बीच भारत में 'मोलनुपिरावीर' के उत्पादन, वितरण और परीक्षण के लिए सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, टोरेंट फार्मास्युटिकल्स और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स से करार किया था।
इसके बाद BDR फार्मास्यूटिकल्स, नैटको माइलान सहित आठ और कंपनियों ने दवा बनाने के लिए करार किया था।
इस तरह से वर्तमान में देश की 13 जेनेरिक दवा कंपनियां इस गेम चेंजिंग दवा का उत्पादन कर रही है।
कीमत
मैनकाइंड फार्मा ने सबसे पहले लॉन्च की दवा
बता दें कि 'मोलनुपिरावीर' के उत्पादन के लिए गत दिनों मैनकाइंड फार्मा ने BDR फार्मास्यूटिकल्स से करार किया था।
दवा को मंजूरी मिलने के महज पांच दिन बाद ही कंपनी ने इसे मोलुलाइफफ (Molulife) 200mg के नाम से दिल्ली सहित कई प्रमुख शहरों में उतार दिया है।
कंपनी ने इसके पूरे कोर्स (पांच दिन में 40 गोली यानी प्रत्येक 12 घंटे में चार गोली) की कीमत 1,399 रुपये रखी है। इस तरह से यह सबसे सस्ती दवा बन गई है।
जानकारी
1,500 रुपये की कीमत में दवा को बाजार में उतारेगी सन फार्मा
मैनकाइंड के बाद अब सनफार्मा भी इसे 'मोल्क्सवीर' (Molxvir) के नाम से बाजार में उतारने की तैयारियों में जुटी है। कंपनी ने इसके पूरे कोर्स की कीमत 1,500 रुपये रखी है। अनुमान है कि सभी कंपनियां इसे 1,500-2,500 रुपये कीमत पर बाजार में उतारेगी।
खुराक
किस तरह से दी जाएगी 'मोलनुपिरावीर' की खुराक
कंपनी के अनुसार, कोरोना संक्रमित को मोलनुपिराविर 800mg की खुराक पांच दिन तक दिन में दो बार खाने का परामर्श दिया गया है।
ऐसे में मरीजों को पांच दिन में प्रत्येक 12 घंटे में 200mg की चार गोलियों के हिसाब से कुल 40 गोलियां खानी होगी। यह उच्च जोखिम और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए बेहद प्रभावी साबित होगी।
हालांकि, इसकी मंजूरी में स्पष्ट किया गया है कि इसे डॉक्टर की सलाह पर ही बेचा जा सकेगा।
पाबंदी
किसको नहीं दी जानी चाहिए 'मोलनुपिरावीर' की खुराक?
मर्क एंड कंपनी के अनुसार, 'मोलनुपिरावीर' की खुराक 18 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जानी चाहिए।
इसका कारण है कि यह दवा बच्चों में हड्डी और उनके मांसपेशियों के विकास को बाधित कर सकती है।
इसी तरह यह दवा गर्भवती महिला के भ्रूण को भी नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं पर इसके इस्तेमाल का कोई तथ्यात्मक डाटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कंपनी ने ऐहतियातन ऐसा किया है।