
म्यांमार भूकंप में मृतकों का आंकड़ा 1,644 हुआ, 3,400 घायल; कैसा चल रहा है बचाव अभियान?
क्या है खबर?
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हो गई है। यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं। सत्तारूढ़ सेना ने यह जानकारी दी है।
समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक, शनिवार तक घायलों का आंकड़ा 3,408 पर पहुंच चुका है और 139 लोग अभी भी लापता हैं।
वहीं, भूकंप के चलते थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी 10 लोगों की मौत हुई है।
बचाव अभियान
बचाव अभियान में आ रही कई परेशानियां
भूकंप के कारण सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक संरचनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस वजह से कई क्षेत्रों में आवागमन मुश्किल हो रहा है। इससे बचाव अभियान में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
राजधानी नेपीता में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम शुरू किया गया है, लेकिन शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
कई इलाकों में सड़कों पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम लगा हुआ है।
युद्धविराम
तख्तापलट विरोधी लड़ाकों ने आंशिक युद्धविराम की घोषणा की
बचाव अभियान के बीच तख्तापलट विरोधी लड़ाकों ने 2 सप्ताह के आंशिक युद्धविराम की घोषणा की है।
'राष्ट्रीय एकता सरकार' ने एक बयान में कहा, "पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) 30 मार्च, 2025 से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रक्षात्मक कार्यों को छोड़कर आक्रामक सैन्य अभियानों में 2 सप्ताह का विराम लागू करेगी।"
इसके बाद निर्वासित सरकार ने कहा कि वह अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में सुरक्षा, परिवहन और चिकित्सा शिविरों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करेगी।
भारत
भारत ने ऑपरेशन 'ब्रह्मा' के तहत भेजी
भारत ने म्यांमार की मदद के लिए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया है। इसके तहत घायलों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए 2 नौसैनिक जहाज 40 टन राहत सामग्री लेकर यांगून बंदरगाह भेजे गए हैं। 118 चिकित्सा कर्मियों के साथ एक फील्ड अस्पताल भी शुरू किया है।
इससे पहले भारत ने मदद के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी थी, जिनमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और जरूरी दवाएं थीं।
मदद
म्यांमार की मदद के लिए आगे आया अंतरराष्ट्रीय समुदाय
म्यांमार के जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने विश्व समुदाय से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा, "मैं म्यांमार में किसी भी देश, किसी भी संगठन या किसी भी व्यक्ति को आमंत्रित करना चाहूंगा कि वे आएं और मदद करें।"
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने म्यांमार को 43 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है।
रूस ने 120 बचावकर्मियों और जरूरी सामान के साथ 2 विमान भेजे हैं।
चीन, हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर और मलेशिया ने भी बचाव दल भेजे हैं।
भूकंप
म्यांमार में आया था 7.7 तीव्रता का भूकंप
शुक्रवार दोपहर 12:50 बजे म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसका केंद्र मांडले शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर 9.47 किलोमीटर जमीन के नीचे था।
इसके 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था। इन झटकों से बैंकॉक में इमारतें और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे गिर गए। इसका असर थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किया गया।
म्यांमार और थाईलैंड में यह बीते 200 साल का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।