थाईलैंड के इस व्यंजन का एक छोटा-सा हिस्सा बन सकता है कैंसर का कारण, जानिए कैसे
क्या है खबर?
यह तो आपने कई बार सुना होगा कि मिलावटी खाना कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि थाईलैंड का एक व्यंजन कैंसर का कारण बन सकता है।
हैरानी की बात यह है कि यह व्यंजन हर साल 20,000 लोगों की जान लेता है, फिर भी ये कई स्ट्रीट स्टॉल्स पर धड़ल्ले से बिक रहा है।
आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
व्यंजन
पित्त कैंसर का कारण बन सकता है व्यंजन
बेशक हर देश में अलग-अलग स्वाद के व्यंजन मिलते हैं, लेकिन थाईलैंड में मिलने वाला एक थाई व्यंजन स्वाद से ज्यादा जानलेवा पित्त कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस व्यंजन का नाम 'कोइ प्ला' है और यह थाईलैंड के शहर खॉन केन (Khon Kaen) में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, लेकिन इसका सेवन पित्त और लीवर को बुरी तरह से प्रभावित करता है और यह बात कई अध्ययनों में साबित हो चुकी है।
अध्ययन
कैसे इंसान को मारता है व्यंजन?
विशेषज्ञों की मानें तो इस व्यंजन का एक निवाला ही पित्त में कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर सकता है और इससे धीरे-धीरे व्यक्ति का पित्त और लीवर इतना ज्यादा खराब हो जाता है कि उसके बचने की संभावना काफी कम हो जाती है।
यही वजह है कि इसके कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। एक अध्ययन से यह भी पता चला कि इस व्यंजन के कारण हर साल लगभग 20,000 लोग मर जाते हैं।
तरीका
कैसे बनाया जाता है यह व्यंजन?
इस व्यंजन की मुख्य सामग्री कच्ची मछली है, जिसे विभिन्न मसालों के साथ बनाया जाता है।
आप सोच रहे होंगे कि मछ्ली कैसे कैंसर का कारण बन सकती है, लेकिन आपको बता दें कि हर तरह की मछ्ली खाने योग्य नहीं होती है और जिस मछली का इस्तेमाल कोइ प्ला व्यंजन के लिए होता है, उस पर मौजूद परजीवी कीड़े लोगों के शरीर में जाकर जान के दुश्मन बन जाते हैं।
इससे कोलेजनोकार्सिनोमा नामक बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।
जानकारी
कोलेजनोकार्सिनोमा क्या है?
कोलेजनोकार्सिनोमा को पित्त की नली का कैंसर भी कहा जाता है। यह तब होता है जब पित्त नली की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं या नुकसान पहुंचाती हैं।
ऐसे कई कारक हैं, जो पित्त नली के कैंसर के विकास के जोखिम बढ़ा सकते हैं, लेकिन कोइ प्ला व्यंजन सबसे ज्यादा थाईलैंड के लोगों को कोलेजनोकार्सिनोमा की चपेट में ला रहा है।