
पिछले चार दिनों में म्यांमार की सीमा पार कर मिजोरम पहुंचे 2,000 से अधिक लोग
क्या है खबर?
म्यांमार में सेना और सशस्त्र नागरिकों के बढ़ते संघर्ष के बीच वहां के लोगों को सीमावर्ती भारतीय राज्य मिजोरम में आना शुरू हो गया है।
पिछले चार दिनों में 2,000 से अधिक म्यांमारवासी मिजोरम पहुंच चुके हैं। इनमें महिला और बच्चे भी शामिल है। इससे मिजोरम सरकार की चिंता बढ़ गई है।
राज्य के गृह मंत्री लाल चमलियाना के अनुसार, म्यांमार से भागकर मिजोरम पहुंचे लोगों का सटीक संख्या का पता लगाने का प्रयास किए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा
हनहथियाल जिले में पहुंचे सबसे अधिक 1,500 लोग
इंडिया टुडे के अनुसार, म्यांमार में सेना और चिनलैंड रक्षा बल (CDF) के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद चिन राज्य के करीब 1,500 लोगों ने मिजोरम के हनहथियाल जिले में शरण ली है।
बता दें 10 सितंबर को मिजोरम-म्यांमार सीमा पर स्थित चिन राज्य के थंतलांग शहर के लुंगलर गांव में म्यांमार में सेना और CDF के बीच खूनी झड़पें हुई थी। उसके बाद से ही वहां के लोग अपनी जान बचाने के लिए मिजोरम का रुख कर रहे हैं।
व्यवस्था
जिला अधिकारियों ने की शरणार्थियों के रहने और खाने की व्यवस्था
हनहथियाल जिले के अतिरिक्त उपायुक्त सैजिकपुई ने कहा कि कई बच्चों सहित करीब 1,500 लोगों ने जिले के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है। उनके लिए अस्थायी आश्रय गृह बनाए हैं। उनके लिए भोजन-पानी की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि कई NGO और सामाजिक संगठन भी म्यांमार शरणार्थियों को भोजन, कपड़े, दवाई और अन्य सामान उपलब्ध करा रहे हैं। सोमवार को चिन राज्य का एक 90 वर्षीय बुजुर्ग पहाड़ी नदी पार करके मिजोरम पहुंचा था।
शरण
चम्फाई और लावंगतलाई जिलों में भी पहुंचे म्यांमार के लोग
सैजिकपुई ने बताया कि हनहथियाल जिले के अलावा चम्फाई और लावंगतलाई जिलों में भी म्यांमार से लोग पहुंचे हैं। ये लोग छोटी देशी नावों के जरिए तिआउ नदी पार करके इन जिलों में पहुंचे हैं।
वर्तमान में म्यांमार की सीमा से लगे इन जिलों के करीब 16 गांवों में इन लोगों ने शरण ले रखी है।
उन्होंने बताया कि यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) और अन्य नागरिक समाज संगठनों ने मानवीय आधार पर म्यांमार के शरणार्थियों की मदद की है।
प्रवेश
म्यांमार से आए बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दे रही मिजोरम सरकार
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल मार्च से मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में 20 म्यांमार विधायकों सहित करीब 10,000 शरणार्थियों ने शरण ली है। हाल ही में मिजोरम सरकार ने म्यांमार के 400 से अधिक शरणार्थी बच्चों को पूर्वोत्तर राज्य के स्कूलों में प्रवेश भी दे दिया है।
स्कूल शिक्षा निदेशक ने 31 अगस्त को एक आदेश में राज्य के सभी जिला और उपमंडल शिक्षा अधिकारियों को प्रवासी बच्चों (छह से 14 साल) को प्रवेश देने के निर्देश दिए थे।
जानकारी
म्यांमार से 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं छह जिले
बता दें कि मिजोरम के छह जिले म्यांमार से करीब 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। इन जिलों में हनहथियाल, चम्फाई, सियाहा, लवंगतलाई, सेरछिप और सैतुअल शामिल है। ऐसे में म्यांमार में कोई भी परेशानी होने पर वहां के लोग यहां पहुंच जाते हैं।
अपील
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से की थी अपील
बता दें कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 1 फरवरी को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से राज्य में आए शरणार्थियों को शरण, भोजन और आश्रय प्रदान करने की अपील की थी।
पूर्व में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने म्यांमार से भारत में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल को विशेष चौकसी बरतने के लिए कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने शरणार्थियों की मदद की अपील की थी।