हमास हमले के बीच इजरायल में कितने भारतीय फंसे और वे किस हाल में हैं?
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बीच हजारों की संख्या में भारतीय फंस गए हैं। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को जानकारी दी कि भारत सरकार इजरायल में फंसे भारत के नागरिकों को वापस लाने का प्रयास कर रही है। भारतीय दूतावास लगातार फंसे हुए भारतीयों के संपर्क में है और उनके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं। आइए जानते हैं कि इजरायल में कितने भारतीय फंसे हुए हैं और वो कितने सुरक्षित हैं।
इजरायल में कितने भारतीय फंसे हैं?
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इजरायल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय बुजुर्गों की देखभाल करने वाले के रूप में काम करते हैं। इसके अलावा वहां लगभग 1,000 छात्र, कई IT पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी रहते हैं। इजरायल में भारतीय आप्रवासन 1950 और 1960 के दशक के बीच शुरू हुआ था। बीते वर्षों में मिजोरम और मणिपुर से यहूदी वहां जाकर बस गए।
भारतीय दूतावास ने जारी किये दिशा-निर्देश
इजरायल में स्थित भारतीय दूतावास ने युद्ध के हालात को देखते हुए शनिवार को भारतीय नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये थे। दूतावास ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा, 'इजरायल के मौजूद हालात को देखते हुए इजरायल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से गुजारिश है कि वो सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। कृपया सतर्क रहें और अनावश्यक आवाजाही से बचें। सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।'
इजरायल में फंसे भारतीय कितने सुरक्षित?
रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा और इजरायल में मौजूद सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं। हालांकि, शनिवार को हमास के आतंकी हमले में एक भारतीय महिला घायल हो गई। BBC के अनुसार, इजरायल में फंसे विमल कृष्णस्वामी ने बताया, "हम अपने शहर में सुरक्षित हैं। भारतीय दूतावास लगातार हमारे संपर्क में हैं, हमारा हालचाल पूछ रहे हैं।" हिब्रू विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की छात्रा बिंदू ने बताया कि सभी दिशा-निर्देश का पालन किया जा रहा है। सभी भारतीय एक-दूसरे के संपर्क में हैं।
इजरायल में आतंकी हमले का शिकार हुई एक भारतीय महिला
इजरायल में केरल की एक मूल निवासी शनिवार को दक्षिणी भाग में स्थित एक तटीय शहर अश्कलोन में एक मिसाइल हमले में घायल हो गई थी। महिला का नाम शीजा आनंद है जो पिछले 7 वर्षों से संघर्ष प्रभावित देश में एक परिवार की देखभाल का काम करती हैं। शीजा की बहन ने जानकारी दी कि ये घटना तब हुई जब वो अपने पति आनंद से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। अभी वो खतरे से बाहर है।
फंसे हुए भारतीयों को लाने की तैयारी
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को बताया था कि उन्हें शनिवार सुबह हजारों भारतीयों के फंसे होने के मैसेज मिले थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यालय सीधे इस स्थिति की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमें कई मैसेज मिले और हम पूरी रात काम कर रहे थे। इजरायल में फंसे भारतीयों को लाने के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री पहले ही अपनी संवेदनायें व्यक्त कर चुके हैं। इस कठिन समय में हम इजरायल के साथ हैं।"
सरकार भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्रयासरत
लेखी ने कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान और फिर कोरोना महामारी के समय अपने नागरिकों को सफलतापूर्वक विदेश से निकाला है। इस बार भी हम उन्हें सफलतापूर्वक निकाल लाएंगे। उन्होंने कहा, "चाहे वह ऑपरेशन गंगा हो या वंदे भारत, हम सभी नागरिकों को वापस लाए। मुझे यकीन है कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री का कार्यालय सीधे उन लोगों के संपर्क में है।" बता दें कि इजरायल में फंसी बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा भारत लौट आई हैं।
इजरायल में फंसे भारत के 27 नागरिकों ने पार की मिस्र की सीमा
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने 7 अक्टूबर को एक्स पर जानकारी दी कि विदेश मंत्रालय और भारतीय मिशन के प्रयासों के तहत मेघालय के 27 नागरिक सुरक्षित रूप से मिस्र की सीमा पार कर चुके हैं।
कैसे हुई संघर्ष की शुरुआत?
फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने शनिवार सुबह इजरायल पर करीब 5,000 रॉकेट दागे थे। इसके बाद हमास के लड़ाकों ने इजरायल में नाव और पैराग्लाइडर के जरिए घुसपैठ भी की और एक पुलिस स्टेशन और सेना के वाहनों पर कब्जा कर लिया। कई इजरायली लोगों को बंधक बनाया गया है, जो अभी भी हमास के कब्जे में हैं। अभी तक 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें कई अन्य देशों के नागरिक भी शामिल है।