#NewsBytesExplainer: इजरायल पर हमला करने वाला संगठन हमास कौन है और यह कितना ताकतवर?
गाजा पट्टी में फिलिस्तीन के उग्रवादियों ने आज इजरायल पर हमला कर दिया है। इस दौरान करीब 5,000 रॉकेट दागे गए और उग्रवादी इजरायल के कई शहरों में घुस गए हैं। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए हैं। इजरायल पर हुए हमले की जिम्मेदारी कट्टरपंथी उग्रवादी संगठन हमास ने ली है। इससे पहले भी कई बार हमास इजरायल पर हमले करता रहा है। आइए समझते हैं कि हमास आखिर क्या है।
क्या है हमास?
हमास एक फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन और एक राजनीतिक पार्टी है। ये शब्द अरबी के 'हरकत अल मुकावामा अल इस्लामिया' से मिलकर बना है, जिसका मतलब इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन होता है। इसकी स्थापना 1987 में इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के पहले विद्रोह के दौरान मौलवी शेख अहमद यासीन ने की थी। ये न सिर्फ एक चरमपंथी संगठन है, बल्कि राजनीति में भी सक्रिय है। अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन समेत कई देश इसे आतंकवादी संगठन मानते हैं।
क्यों बना हमास?
साल 1988 में हमास ने अपना चार्टर जारी किया। इसके मुताबिक, हमास यहूदी समुदाय और इजरायल को पूरी तरह खत्म करके ही दम लेगा। इस चार्टर में फिलिस्तीन और इजरायल समेत सारे इलाके को इस्लामिक जमीन कहा गया है और यहूदी देश के साथ किसी भी तरह के स्थायी शांति समझौते से इनकार किया गया है। हमास जब बना था, तब इसके 2 उद्देश्य थे। पहला- इजरायल के खिलाफ हथियार उठाना और दूसरा- समाज कल्याण के काम करना।
राजनीति में कैसे हुई हमास की एंट्री?
गाजा और वेस्ट बैंक के क्षेत्र को फलस्तीन नेशनल अथॉरिटी (PNA) के तौर पर जाना जाता है, जहां सरकार चलाने की जिम्मेदारी फलस्तीनियों के पास है। यहां फतह पार्टी का शासन था। 2005 में फतह पार्टी के अध्यक्ष महमूद अब्बास और इजरायली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन के बीच संघर्ष विराम हुआ और इजरायल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली। इसके बाद हमास राजनीति में सक्रिय हुआ और गाजा पट्टी में चुनाव जीता।
कितना ताकतवर है हमास?
BBC के मुताबिक, हमास के पास रॉकेट से लेकर मोर्टार और ड्रोन हमला करने की क्षमता है। हमास की एक यूनिट को कोर्नेट गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए भी देखा गया है। हमास अपने हथियारों का निर्माण गाजा पट्टी में ही करता है और उसे ये तकनीक ईरान से मिली है। इजरायल का कहना है कि हमास के पास कम दूरी की मारक क्षमता वाली 'कास्सम' और 'कुद्स 101' मिसाइलें भी हैं।
हमास को फंड कहां से मिलता है?
रिपोर्ट के मुताबिक, हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग ईरान से मिलती है। हर साल ईरान करीब 800 करोड़ रुपये की मदद हमास को भेजता है। इसके अलावा ईरान हमास लड़ाकों को प्रशिक्षण भी देता है। कतर और तुर्की पर भी हमास को फंडिंग देने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, तुर्की का कहना है कि वो हमास को सिर्फ राजनीतिक तौर पर मदद करता है। इसके अलावा सामान के आयात-निर्यात पर टैक्स से भी हमास की कमाई होती है।
फिलिस्तीन-इजरायल के बीच क्या है विवाद?
पहले विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद फिलिस्तीन ब्रिटेन के कब्जे में आया। इसी बीच स्वतंत्र यहूदी देश की मांग उठने लगी और प्रताड़ित यहूदी यूरोप से फिलिस्तीन आने लगे। दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ये मामला संयुक्त राष्ट्र ले गया। संयुक्त राष्ट्र ने इलाके को 2 देशों में बांट दिया, अरब देश फिलिस्तीन और यहूदी देश इजरायल और जेरूसलम को अपने अधिकार क्षेत्र में रखा। तभी से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है।