कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल कम करने को लेकर हड़बड़ी की जरूरत नहीं- केंद्र
सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड की खुराकों के अंतराल में तुरंत बदलाव को लेकर हड़बड़ी की जरूरत नहीं है और समय कम करने के लिए भारत के लिहाज से वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है। दरअसल, कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच का समय कम करना चाहिए। इस पर नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि ऐसी चिंताओं पर संतुलित रवैये की जरूरत है।
कितने अंतराल पर दी जा रही कोविशील्ड की खुराकें?
भारत में फिलहाल कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल 12-14 सप्ताह का रखा गया है। जनवरी में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत के वक्त यह अंतराल 28 दिन था। बाद में इसे 28 दिन से बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह किया गया और मई में एक बार फिर इसे बढ़ाकर 12-14 सप्ताह कर दिया गया था। अंतराल बढ़ाने के पीछे यह तर्क दिया गया था कि इससे वैक्सीन की प्रभावकारिता बढ़ती है और यह अधिक सुरक्षा देती है।
वैक्सीन की कमी से भी जोड़कर देखा गया था फैसला
सरकार ने कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने का यह फैसला ऐसे समय पर लिया था जब देश में वैक्सीनों की भारी कमी चल रही थी और उसके इस फैसले को इस कमी से जोड़कर भी देखा गया था।
सावधानीपूर्वक लिए जाते हैं ऐसे फैसले- पॉल
डॉ पॉल ने कहा कि कोविशील्ड की खुराकों के अंतराल को तुरंत बदलने की जरूरत को लेकर हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए। इस तरह के फैसले सावधानीपूर्वक किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि जब अंतराल बढ़ाया गया था तो उन लोगों को होने वाले जोखिम पर विचार किया गया था, जिन्होंने केवल एक खुराक ली थी, लेकिन उसका जवाब था कुछ और लोगों को पहली खुराक मिलने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाएगी।
चिंताओं पर संतुलित रवैये की जरूरत- पॉल
देश की कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ पॉल ने कहा, "ऐसी चिंताओं पर संतुलित रवैया अपनाने की जरूरत है। इस तरह की बातों पर सार्वजनिक जीवन में चर्चा और बहस होना जरूरी है। इस संबंध में मामले के जानकार लोगों द्वारा फैसला लिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) में कुछ ऐसे भी सदस्य हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की समितियों में काम कर चुके हैं और पूरी दुनिया में उनकी प्रतिष्ठा है।
पॉल बोले- महामारी की स्थिति के आधार पर होगा फैसला
खुराकों के अंतराल को लेकर डॉ पॉल ने कहा कि इस बारे में NTAGI को फैसला लेने दिया जाना चाहिए। ब्रिटेन ने भी तय प्रक्रियाओं के पालन और आंकड़ों को वैज्ञानिक तरीकों से परखने के बाद अतंराल घटाने का फैसला लिया होगा। उन्होंने कहा, "ब्रिटेन ने पहले 12 सप्ताह का अंतराल रखा था, लेकिन हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर हमें अभी यह सुरक्षित नहीं लगता। महामारी की स्थिति के आधार पर इस फैसले की समीक्षा होगी।"
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 24,96,00,304 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 34,33,763 खुराकें लगाई गईं। खुराकों की कमी के चलते धीमा पड़ा वैक्सीनेशन अभियान पिछले कुछ दिनों से दोबारा रफ्तार पकड़ता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अभी तक देश में 20,16,90,149 लोगों को वैक्सीन की पहली और 4,79,10,155 लोगों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।