न्यूजीलैंड: खालिस्तान विरोधी रेडियो होस्ट पर जानलेवा हमला करने के लिए 3 खालिस्तानी कट्टरपंथियों को सजा
क्या है खबर?
न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में लोकप्रिय रेडियो होस्ट हरनेक सिंह की हत्या के प्रयास के मामले में 3 खालिस्तानी कट्टरपंथियों को सजा सुनाई गई है।
27 साल के सर्वजीत सिद्धू ने उनकी हत्या का प्रयास किया था, जबकि 44 साल के सुखप्रीत सिंह ने इस प्रयास में मदद की थी। नाम छिपाने वाले तीसरे मास्टरमाइंड व्यक्ति ने हत्या की साजिश रची थी ।
सिंह खालिस्तान की विचारधारा के खिलाफ मुखर रहे हैं और इसी कारण उन पर हमला किया गया था।
मामला
क्या है मामला?
23 दिसंबर, 2020 को रेडियो शो करने के बाद वाटल डाउन्स स्थित अपने घर लौट रहे हरनेक सिंह पर रास्ते में तीनों खालिस्तानियों ने घात लगाकर हमला किया था।
दोषियों ने उन पर चाकू से 40 से अधिक वार किए थे, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्होंने किसी तरह गाड़ी का हॉर्न बजाकर पड़ोसियों को बुलाया, जिसके बाद आरोपी फरार हो गए।
सिंह 350 से अधिक टांकों और कई सर्जरी के बाद ठीक हुए थे।
साजिश
कैसे रची गई हत्या की साजिश?
हत्या की ये साजिश अनाम मास्टरमाइंड ने रची थी और इसमें अन्य को शमिल किया।
हमले वाले दिन मास्टरमाइंड ने जसपाल और सर्वजीत को एक बैग दिया, जिसके अंदर चोरी की नंबर प्लेट, चाकू और बैट थे। फिर दोनों जोबनप्रीत से मिले और हमले को अंजाम दिया।
जसपाल ने बताया कि हमले में सर्वजीत और वह घायल हुए थे और उन्होंने सुखप्रीत के घर में शरण ली। जसपाल को लगा कि वह अपने समुदाय के लिए 'अच्छा काम' कर रहे।
न्यायमूर्ति
कोर्ट ने बताया गंभीर मामला
मंगलवार को न्यायाधीश मार्क वूलफोर्ड ने कहा कि यह हत्या के प्रयास का बेहद गंभीर मामला था।
उन्होंने कहा, "मामले में धार्मिक कट्टरता के सभी लक्षण दिखाई देते हैं। इस संदर्भ में सजा देने के लिए एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है।"
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश वूलफोर्ड ने सामुदायिक सुरक्षा और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने मामले में अनाम मास्टरमाइंड को 13 साल 6 महीने जेल की सजा सुनाई।
सजा
कोर्ट ने किसे कितनी सजा सुनाई?
हरनेक सिंह पर हमला करने वाले सर्वजीत सिद्धू को 9 साल 6 महीने कैद की सजा सुनाई गई है, वहीं हमले में सहायता करने वाले सुखप्रीत सिंह को 6 महीने नजरबंदी की सजा सुनाई गई।
2 आरोपी, जगराज सिंह और गुरबिंदर सिंह, को अपर्याप्त सबूतों के कारण बरी कर दिया गया, जबकि 2 अन्य आरोपियों, जोबनप्रीत सिंह और हरदीप संधू, को मामले में अगले साल सजा सुनाई जा सकती है।
जसपाल सिंह पहले से ही जेल में है।
बयान
फैसले पर हरनेक सिंह ने क्या कहा?
कोर्ट के फैसले के बाद अपने हमलावरों से सीधे बात करते हुए हरनेक सिंह ने कहा, "तुम लोग मुझे मेरे परिवार से दूर ले जाना चाहते थे, इसलिए मुझे चुप कराने की कोशिश की। तुम उन लोगों को डरावना संदेश भेजना चाहते थे, जो तुम्हारी अपरंपरागत धार्मिक विचारों से असहमत हैं। मैं आगे भी अपनी राय और विश्वास व्यक्त करना जारी रखूंगा।"
उन्होंने बताया कि वो और उनका परिवार ऐसे चरमपंथियों के कारण डर के साये में जीते हैं।
हरनेक
कौन हैं हरनेक सिंह?
हरनेक सिंह का जन्म कोलकाता में हुआ था और फिर दिल्ली में रहे। हालांकि, सिख विरोधी हिंसा में बेघर होने के बाद वह 10 साल की उम्र में दिल्ली से पंजाब आ गए।
वह 2002 में अपनी पत्नी के साथ न्यूजीलैंड चले गए।
उन्होंने 15 साल की उम्र से मंदिरों में स्वयंसेवा करना शुरू कर दिया था। उन्हें नेक्की के नाम से भी जाना जाता है और वह सिख समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं। लगभग 5 लाख यूट्यूब सब्स्क्राइबर्स हैं।