इमरान खान का दावा, पाकिस्तान ने अमेरिका को दी थी लादेन के ठिकाने की जानकारी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अमेरिका को ओसामा-बिन-लादेन तक पहुंचाया था। उन्होंने कहा कि ISI की दी गई जानकारी की मदद से ही अमेरिका लादेन की लोकेशन तक पहुंचने में कामयाब रहा। बता दें कि अब तक पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार करता रहा है कि उसे लादेन के पाकिस्तान में छिपे होने की कोई जानकारी थी। इमरान का बयान इसके खिलाफ जाता है।
'फॉक्स न्यूज' को दिए इंटरव्यू में किया दावा
अमेरिकी के 3 दिवसीय दौरे पर आए इमरान ने अमेरिकी न्यूज चैनल 'फॉक्स न्यूज' के साथ इंटरव्यू में ये दावा किया। इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान शकील अफरीदी नामक डॉक्टर को जेल से रिहा करेगा, जिसके फर्जी टीकाकरण अभियान की मदद से अमेरिका 2011 में लादेन को ढूढ़ने और मारने में कामयाब रहा। इस पर इमरान ने कहा कि अफरीदी को पाकिस्तान में जासूस माना जाता है।
इमरान ने कहा, ISI ने फोन कनेक्शन के जरिए थी ठिकाने की जानकारी
इमरान ने कहा, "पाकिस्तान में हमें हमेशा ऐसा लगता है कि हम अमेरिका के मित्र थे और अगर हमें लादने के बारे में जानकारी दी जाती तो हम खुद उसे मार देते।" अहम जानकारी लीक होने की आशंका पर ऐसा न करने पर इमरान ने जवाब दिया, "फिर भी ये ISI ही थी जिसने लादेन की लोकेशन तक पहुंचाने वाली सूचना दी। अगर आप CIA से पूछेंगे, तो वो ISI थी जिसने फोन कनेक्शन के जरिए शुरूआती लोकेशन दी।"
2 मई, 2011 की रात मारा गया था लादेन
11 सितंबर, 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर जहाजों से हमला करने वाले लादेन को 2 मई, 2011 की रात अमेरिका के सील कमांडोज ने पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित उसके घर पर हमला करके मार गिराया था। एबटाबाद में लादेन का घर पाकिस्तान की सैन्य एकेडमी के मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर था और इस पूरे इलाके को सेना का गढ़ माना जाता है। ये घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी का कारण बनी थी।
सौदेबाजी के लिए लादेन का इस्तेमाल करना चाहती थी ISI
इस बात पर बेहद गंभीर सवाल उठे थे कि कैसे दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी पाकिस्तान सेना की नाक के नीचे रह रहा था और उसे इसकी जानकारी नहीं थी। पाकिस्तान हमेशा लादेन के बारे में पता होने की बात से इनकार करता रहा, लेकिन 2015 में पाकिस्तान के जासूस अधिकारी असद दुर्रानी ने अल जजीरा को बताया था कि ISI को संभवतः लादेन के बारे में जानकारी थी और वह उसका इस्तेमाल सौदेबाजी के लिए करना चाहती थी।
2002 से पाकिस्तान में रह रहा था लादेन
इससे पहले 2013 में पाकिस्तान सरकार की एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें सामने आया था कि लादेन 2002 में पाकिस्तान आया था और अगस्त 2005 से एबटाबाद में रह रहा था। रिपोर्ट में लादेन का पता लगा पाने में पाकिस्तानी अधिकारियों की असफलता की तीखी आलोचना की गई थी। इसके अलावा 2015 में पाकिस्तान के दो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बताया था कि ISI के एक बागी ने अमेरिका की लादेन को ढूढ़ने में मदद की थी।