
सीरिया: 12 दिनों में विद्रोहियों ने कैसे खत्म कर दिया 50 साल पुराना असद शासन?
क्या है खबर?
सीरिया में विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति बशर अल-असद ने देश छोड़ दिया है और वे एक विमान से किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं।
विद्रोही गुटों का नेतृत्व हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक एक संगठन कर रहा है, जिसने केवल 12 दिनों में 50 साल से सत्ता पर काबिज असद शासन को उखाड़ फेंका है।
आइए जानते हैं कैसे विद्रोहियों ने चंद दिनों में सत्ता पर कब्जा कर लिया।
शुरुआत
कब हुई विद्रोह की शुरुआत?
विपक्षी लड़ाकों ने 27 नवंबर को सरकार और सेना के खिलाफ इदलिब शहर से हमला शुरू किया था।
विद्रोहियों ने लगभग ही इस शहर पर कब्जा कर लिया और 10 घंटे के भीतर अलेप्पो शहर के आसपास के कई गांवों में घुस गए। इस दौरान लड़ाकों ने 46 सैन्य अड्डों को भी कब्जे में ले लिया।
सीरियाई सेना की मदद करने के लिए रूस ने बमबारी की, जिसमें 89 लोग मारे गए।
अलेप्पो
लड़ाकों ने 4 दिन में दूसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा किया
30 नवंबर को विद्रोही गुट सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो में घुस गए और लगभग पूरे अलेप्पो शहर पर कब्जा कर लिया।
विद्रोहियों ने हवाई अड्डे के साथ सभी मुख्य इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान 300 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें कुछ सैनिक भी थे। रूस ने 2 जगहों पर बमबारी की।
विद्रोहियों के कब्जे से पहले ही लाखों लोगों ने अलेप्पो शहर छोड़ दिया था।
हमा शहर
5 दिसंबर को हमा शहर भी हाथ से निकला
अलेप्पो में कब्जे के बाद लड़ाके दक्षिण में हमा प्रांत की ओर बढ़ गए। 30 नवंबर को विद्रोहियों ने दावा किया कि वे हमा शहर तक पहुंच गए हैं। हालांकि, सेना ने लड़ाकों के हमा में घुसने की बात से इनकार किया।
5 दिसंबर को सेना ने कहा कि वह 'नागरिकों की जान बचाने' और 'लड़ाई को रोकने' के लिए बलों को हमा से हटा रही है।
बता दें कि हमा सीरिया का चौथा सबसे बड़ा शहर है।
राजधानी दमिश्क
7 दिसंबर को राजधानी दमिश्क के नजदीक पहुंचे विद्रोही
7 दिसंबर को विद्रोहियों ने दारा शहर पर कब्जा कर लिया। ये राजधानी दमिश्क से केवल 90 किलोमीटर दूर है।
इसी दिन लड़ाके तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के नजदीक भी पहुंच गए।
पूरे विद्रोह के दौरान सेना ने लड़ाकों का मामूली विरोध किया। कई जगह तो सैनिकों ने बिना विरोध किए ही हथियार डाल दिए।
इसके एक दिन बाद ही विद्रोही राजधानी दमिश्क में घुस गए और असद को देश छोड़ना पड़ा।
वजह
विद्रोहियों ने इतनी जल्दी कैसे कर लिया कब्जा?
राष्ट्रपति असद विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में कई सालों से रूस और ईरान पर निर्भर थे, लेकिन अब ये दोनों देश अपने-अपने मसलों में उलझे हुए हैं। इस वजह से दोनों ने इस बार असद का समर्थन नहीं किया।
असद शासन के प्रति लोगों की बढ़ती नाराजगी भी इसकी वजह है। सैनिक भी असद के लिए लड़ना नहीं चाहते थे और कई जगहों पर विद्रोहियों के पहुंचने से पहले ही हथियार छोड़ भाग खड़े हुए।
असद
राष्ट्रपति असद कहां हैं?
राष्ट्रपति असद के बारे में किसी को पता नहीं है।
सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने कहा कि असद और उनके रक्षा मंत्री अली अब्बास अज्ञात स्थानों पर हैं और शनिवार रात से दोनों से संपर्क नहीं हुआ है।
दमिश्क के हवाई अड्डे पर विद्रोहियों के नियंत्रण से ठीक पहले एक विमान ने उड़ान भरी थी, जो थोड़े समय बाद रडार से गायब हो गया। माना जा रहा कि असद ने इसी विमान के जरिए देश छोड़ दिया है।