तुर्की-सीरिया में आए भूंकप से 7,800 लोगों की मौत, ठंड के कारण बचाव कार्य में बाधा
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में अब तक 7,800 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह आकंड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते सोमवार को दक्षिणी तुर्की में सीरियाई सीमा के पास आए इस विनाशकारी भूकंप के कारण हजारों लोग इमारतों के मलबे में दफन हो गए थे। राहत और बचाव कार्य में ठंड सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसके चलते बचावकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
तुर्की के 10 जिलों में अगले तीन महीने तक आपातकाल
AFP के मुताबिक, सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के इस भूकंप के कारण तुर्की में 5,894 लोगों की मौत हो गई है, जबकि सीरिया में आकंड़ा 1,932 पर पहुंच गया है। भूकंप के बाद से दक्षिण तुर्की और उत्तरी सीरिया में बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है। बचावकर्मी भूकंप प्रभावितों को बचाने की हरसंभव मदद कर रहे हैं। तुर्की सरकार ने अगले तीन महीनों के लिए दक्षिण के 10 जिलों में आपातकाल लगा दिया है।
दोनों देशों में 23 करोड़ लोगों के भूकंप से प्रभावित होने की संभावना- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि तुर्की और सीरिया में आए इस भूकंप के कारण दोनों देशों के करीब 1.35 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे सीरिया में मदद पहुंचाने में देरी हो रही है। WHO ने पश्चिमी देशों से सीरिया में लगे प्रतिबंधों को हटाने और मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की है। उसका अनुमान है कि प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 20,000 पहुंच सकती है।
राहत और मदद के लिए शुक्रिया: अर्दोआन
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि भूकंप के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पूरी मदद मिल रही है और 70 से अधिक देशों ने राहत और बचाव अभियान में उनकी मदद करने की पेशकश की है। अर्दोआन ने इस मुश्किल समय में राहत और मदद भेजने वाले सभी देशों का शुक्रिया अदा किया है और उन्हें उम्मीद है कि सभी के सहयोग से जल्द तुर्की इस आपदा से उबर जाएगा।
तुर्की को भारत ने हरसंभव मदद का दिया भरोसा
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर बीते दिन भारतीय संसद में भी चर्चा हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने संसद में इस त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। बता दें कि भारत ने वायुसेना के विमानों से राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीम और अन्य राहत सामग्री को तुर्की के लिए रवाना कर दिया है।
तुर्की में राहत और बचाव कार्य जोरों पर
तुर्की गृह मंत्रालय के मुताबिक, भारत समेत 70 देशों से 2,600 से ज्यादा बचावकर्मी मदद के लिए आगे आए हैं। राहत और बचाव कार्य में 629 क्रेन और 360 गाड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं। आपदा प्रभावितों को सर्दी से बचाने के लिए 41,000 से ज्यादा टेंट लगाए गए हैं और उन्हें खाने-पीने का सामान भी मुहैया करवाया जा रहा है। इसी बीच राहत और बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों को जिंदा निकालने का प्रयास कर रहे हैं।