
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले 4 महीनों में 20 प्रतिशत बढ़ा चीन को भारत का निर्यात
क्या है खबर?
चीन को भारत के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में भारत का माल निर्यात सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढ़कर 5.76 अरब डॉलर (करीब 50,112 करोड़ रुपए) तक पहुंच गया। चारों महीनों में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अधिक निर्यात दर्ज किया गया, जो वैश्विक व्यापार बाधाओं के बावजूद लगातार वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
आंकड़े
मई 2025 में उच्चतम स्तर पर पहुंचा था निर्यात
आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में चीन काे भारत का निर्यात 1.63 अरब डॉलर (करीब 14,231 करोड़ रुपये) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, जो एक वर्ष पहले इसी महीने में 1.32 अरब डॉलर (करीब 11,484 करोड़ रुपये) रहा था। अप्रैल में निर्यात एक वर्ष पहले के 1.25 अरब डॉलर से बढ़कर 1.39 अरब डॉलर (करीब 12,093 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि जून में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 1.38 अरब डॉलर (करीब 12,000 करोड़ रुपये) हो गया।
उपलब्धि
जुलाई 2025 में भी हुआ इजाफा
जुलाई में भारत ने 1.35 अरब डॉलर मूल्य (करीब 11,745 करोड़ रुपये) की वस्तुओं का निर्यात किया, जो एक वर्ष पहले इसी महीने में 1.06 अरब डॉलर (करीब 9,222 करोड़ रुपये) से अधिक था। यह वृद्धि दर दोनों एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार के क्रमिक पुनर्संतुलन को दर्शाती है। भारत का चीन के साथ ऐतिहासिक रूप से उच्च व्यापार घाटा रहा है, जो वित्त वर्ष 2025 में 99.2 अरब डॉलर (करीब 8.63 लाख करोड़ रुपये) था।
कारण
क्या है निर्यात में तेजी का कारण?
वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि-आधारित उत्पादों की मजबूत मांग के कारण चीन को निर्यात में तेजी देखी गई। पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 88.3 करोड़ डॉलर (करीब 7,682 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि इलेक्ट्रॉनिक सामान तीन गुना बढ़कर 52.1 करोड़ डॉलर (करीब 4,524 करोड़ रुपये) हो गया। इसी तरह जैविक और अकार्बनिक रसायनों का निर्यात में 16.3 प्रतिशत और रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में 72.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
आयात
भारत ने चीन से किया इन चीजों का आयात
दूसरी ओर, चीन से भारत के शीर्ष आयातों में दवाइयां, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, रसायन, प्लास्टिक और अन्य औद्योगिक सामान शामिल रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में मासिक आधार पर निरंतर वृद्धि, चीन के साथ भारत के मजबूत होते व्यापारिक प्रदर्शन और बढ़ती निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को रेखांकित करती है। हालांकि ये उतार-चढ़ाव वैश्विक व्यापार गतिशीलता और मौसमी मांग में बदलाव को दर्शाते हैं, लेकिन अमेरिका से बढ़ती तनातनी भी इस बढोतरी में अहम भूमिका निभा रही है।