
सीरिया: विद्रोहियों ने दारा शहर पर कब्जा किया, राजधानी दमिश्क के नजदीक पहुंचे
क्या है खबर?
सीरिया में विद्रोही गुटों ने दारा शहर पर कब्जा कर लिया है। ये बीते 10 दिनों में विद्रोहियों द्वारा कब्जा किया गया चौथा शहर है। इससे पहले विद्रोही अलेप्पो, हमा और डेर एज्जोर शहर पर कब्जा कर चुके हैं।
इसी के साथ अब खतरा है कि राजधानी दमिश्क भी राष्ट्रपति बशर अल असद के हाथ से निकल सकती है। दारा से दमिश्क की दूरी करीब 90 किलोमीटर है।
विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क को 2 तरफ से घेर लिया है।
दारा शहर
2011 के विद्रोह की जन्म स्थली है दारा शहर
दारा शहर का सरकार के हाथ से निकला इसलिए भी अहम घटना है, क्योंकि 2011 में असद शासन के खिलाफ ये शहर विरोध प्रदर्शनों का केंद्र था। यही संघर्ष आगे चलकर पूरे सीरिया में फैल गया, जिसमें 5 लाख से ज्यादा लोग मारे गए।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, विद्रोही गुटों ने दारा प्रांत के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है और सीरियाई सेना पीछे हट रही हैं।
तीसरा सबसे बड़ा शहर
तीसरे सबसे बड़े शहर को भी विद्रोहियों ने घेरा
विद्रोही गुटों ने कहा है कि वे तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स की सीमा तक पहुंच गए हैं।
टेलीग्राम पर एक मैसेज में विद्रोही बलों के एक कमांडर ने कहा, "हमारी सेनाओं ने होम्स शहर के आसपास के अंतिम गांव को भी आजाद करा लिया है और वे अब शहर की दीवारों के नजदीक हैं।"
इस बीच सीरियाई सेना की मदद कर रही रूस की सेना ने हमा को होम्स से जोड़ने वाले रस्तान पुल को बम से उड़ा दिया।
रूस-ईरान
रूस-ईरान ने छोड़ा सीरिया का साथ
राष्ट्रपति असद विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में कई सालों से रूस और ईरान पर निर्भर हैं, लेकिन अब इन दोनों देशों से असद को मदद नहीं मिल रही है।
रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है तो ईरान छद्म समूहों के साथ इजरायल से टक्कर ले रहा है। यही वजह है कि ईरान ने अपने लोगों को सीरिया से बाहर निकालना शुरू कर दिया है।
वहीं, रूस ने भी अपने नागरिकों को देश छोड़ने की सलाह दी है।
कदम
बिगड़ते हालात के बीच देशों ने उठाए ये कदम
सीरिया में हालात बिगड़ते देख कई देशों ने अपने नागरिकों को देश छोड़ने को कहा है।
जॉर्डन ने सीरिया के साथ अपनी सीमा को बंद कर दिया है। लेबनान ने भी सीमा पर नाकेबंदी को और मजबूत किया है।
भारत ने भी सीरिया की यात्रा और वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ईरान ने सीरिया से अपने सैन्य कमांडरों, राजनयिकों और उनके परिवारों को निकालना शुरू कर दिया है।
मौतें
2.80 लाख लोग विस्थापित हुए
6 दिसंबर को ही अलग-अलग हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। इससे पहले एक दिसंबर को 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुमान के अनुसार, आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 2.80 लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
UN प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "आपातकालीन आश्रय स्थल अपनी अधिकतम क्षमता तक भर गए हैं। लोगों को सड़कों पर या कारों में सोना पड़ रहा है।"