कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर कैसी रही अलग-अलग देशों की तैयारियां?
पिछले साल कोरोना महामारी शुरू हुई तो दुनिया इसके लिए तैयार नहीं थी। सभी देश इससे संघर्ष कर रहे थे और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इस खतरनाक वायरस से कैसे निपटना है। लॉकडाउन से कई देशों में संक्रमण काबू में आया तो कहीं इसकी रफ्तार कम हुई। अब कुछ देशों में महामारी की दूसरी लहर भी दस्तक दे चुकी है। आइये, जानते हैं कि इस बार उन देशों ने इससे निपटने के लिए क्या तैयारियां की।
इन देशों में दूसरी लहर का हुआ कम असर
खुद को कोरोना वायरस से मुक्त घोषित कर चुके चीन और न्यूजीलैंड में फिर से कुछ नए मामले सामने आए थे। हालांकि, यहां पर लोगों के बाहर जाने पर पाबांदियां लगा दी गई, जिससे वो पूरी दुनिया से कट गए। बाहर से आए लोगों के लिए कड़े क्वारंटाइन नियम बनाए गए। इससे वायरस बड़े स्तर पर लोगों को अपनी चपेट में नहीं ले पाया। इसके साथ ही टेस्टिंग और आक्रामक ट्रेसिंग से भी संक्रमण पर काबू पाने में मदद मिली।
इन देशों ने शुरुआती कामयाबी के बाद किया संघर्ष
यूरोप के कुछ देश ऐसे रहे, जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया। चेक रिपब्लिक और हंगरी जैसे अपेक्षाकृृत कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले देशों में कई दूसरे यूरोपीय देशों के मुकाबले कम लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब यहा मरीज बढ़ रहे हैं। इसकी वजह यह भी रही कि शुरुआती दौर में सफलता मिलने के बाद लोग कंटेनमेंट नियमों को लेकर लापरवाह हो गए। साथ ही यहां के नेता लोगों के दबाव में आ गए।
लोगों की मांग पर दी गई नियमों में राहत
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री का कहना था कि सरकार ने मास्क लगाने, लोगों को बाहर निकलने से रोकने के नियमों में छूट दी गई थी क्योंकि आबादी का बड़ा हिस्सा इसकी मांग कर रहा था।
इन देशों ने की थी बेहतर तैयारी
जर्मनी और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को अंजाम दिया। जर्मनी ने विदेशों में छुट्टियां मनाकर लौटने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट किया, जिससे वायरस उनके देश नहीं फैल सका। वहीं दक्षिण कोरिया ने सबसे पहले यह ऐलान किया था कि वह महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इस बार भी यह इसे काबू करने में सफल रहा है। यहां संक्रमण की दर कम हो रही है।
भारत की क्या स्थिति?
भारत के भौगोलिक विस्तार और आबादी को देखते हुए जानकारों का कहना है कि यहां हर इलाका अलग तरह से प्रभावित होगा। कई जगहों पर संक्रमण अब शहरों से निकल ग्रामीण इलाकों में पहुंचा है तो कई शहर फिर से इसकी चपेट में आने लगे हैं। एक समय कोरोना संक्रमण पर काबू पा चुकी दिल्ली में दूसरी लहर दस्तक दे चुकी है। यहां सरकार ने टेस्टिंग को तेज किया है और हॉटस्पॉट इलाकों की पहचान की जा रही है।
इन देशो ने अपनाई आंशिक लॉकडाउन की रणनीति
स्पेन और ऑस्ट्रेलिया शुरुआती दौर में संक्रमण पर काबू पाने में सफल रहे थे, लेकिन उनका यह सफर ज्यादा दिन तक जारी नहीं रह सका। दोबारा नए मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां पर आंशिक लॉकडाउन लागू किए गए।
दुनिया में 3.16 करोड़ लोग संक्रमित
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 3.16 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.72 लाख लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में 68.97 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और लगभग 2.01 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जहां भारत से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। भारत में संक्रमितों की संख्या 56.46 लाख हो गई है, जिनमें से 90,020 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।